ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड के बीच पहला वनडे सिडनी में खेला जा रहा। कोरोना वायरस के डर से यह मुकाबला खाली स्टेडियम में आयोजित करवाया जा रहा मगर एक दर्शक ऐसा है जो स्टेडियम में बैठा है।

कानपुर। कोरोना वायरस से बचाव के लिए ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड के बीच सिडनी में खेला जा रहा पहला वनडे खाली स्टेडियम में आयोजित हो रहा। वैसे तो इस मुकाबले को लाइव देखने के लिए एक भी दर्शक स्टेडियम में मौजूद नहीं, मगर स्टेडियम का एक कोना ऐसा है जहां एक शख्स आज भी बैठा है। यह व्यक्ति पिछले 12 सालों से एक ही जगह टिका है, क्योंकि इसमें जान ही नहीं। हम बात कर रहे सिडनी क्रिकेट ग्राउंड के सबसे चर्चित क्रिकेट फैन की, जिसका नाम है स्टीफन हेराल्ड गैस्कोजीन इन्हें प्यार से 'याबा' बुलाया जाता था। साल 1878 में सिडनी में जन्में याबा आज हमारे बीच नहीं है मगर उनका स्टैच्यू आज भी स्टेडियम में उसी जगह स्थित है जहां वह कभी बैठकर मैच देखा करते थे।

12 साल पहले बना था स्टैच्यू

शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड वनडे में जब कोई दर्शक स्टेडियम में नजर नहीं आया तब याबा की मूर्ति दूर से नजर आ रही थी। डॉर्क कलर का यह स्टैच्यू सिडनी स्कोरबोर्ड के ठीक नीचे कुर्सियों के बीच में बना है। पहले यहां घास की चोटी हुआ करती थी। याबा यहीं पर बैठकर मैच देखते थे मगर 1990 में जब स्टेडियम का पुर्ननिर्माण हुआ तो इस चोटी को हटाकर यहां सीटें लगा दी गईं मगर 2008 में याबा की याद में उनका एक स्टैच्यू इसी जगह बनाया गया है, जो 12 साल से इसी जगह स्थित है।

Stephen Harold Gascoigne, nicknamed the Yabba, was a fan who was famous for his one-liners like "Your lengths lousy but you bowl a good width!" at the SCG.
In 2008, a statue was sculpted honouring his support to Australian cricket.
Today, he is the only man with a seat. pic.twitter.com/2hFBDeI8Vl

— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) March 13, 2020कौन हैं याबा

19वीं सदी में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में एक छह फीट लंबे याबा की आवाज पूरे मैदान में गूंजा करती थी। काला पैंट और सफेद शर्ट पहने याबा सिर पर टोपी लगाकर एससीजी में बनी चोटी पर बैठकर मैच का लुत्फ उठाते थे। उस वक्त क्रिकेट मैच में दर्शक ज्यादा शोर या हंगामा नहीं करते थे। आज जैसे टेनिस मैच बड़ी शांति से देखा जाता है, तब क्रिकेट भी ऐसे ही देखा जाता था मगर याबा के आने के बाद एससीजी का माहौल पूरा बदल गया।

प्लेयर्स पर करते थे मजाकिया कमेंट

याबा की खासियत थी कि वह शांत माहौल को काफी खुशनुमा बना देते थे, क्योंकि उनका वन लाइनर कमेंट काफी लाजवाब रहता था। याबा को क्रिकेट के बारे में काफी जानकारी थी। ऐसे में यदि कोई प्लेयर कुछ गलती करता था तो वह स्टेडियम से बैठे-बैठे चिल्लाते थे। चूंकि उस वक्त इतना शोरगुल नहीं होता था, ऐसे में याबा की आवाज एक कोने से दूसरे कोने तक आराम से पहुंच जाती थी। हालांकि उन्होंने कभी किसी खिलाड़ी पर आपत्तिजनक कमेंट नहीं किया और न ही कभी अपशब्दों का प्रयोग किया। याबा द्वारा किए गए कमेंट लोग आज भी याद करते हैं। ऐसा ही एक चर्चित वाक्या 1932 का है जब भारतीय कप्तान नवाब पटौदी करीब डेढ़ घंटे तक बैटिंग करते रहे और उन्होंने एक भी रन नहीं बनाया, तब याबा ने कहा था कि जरा इनकी जेब में कुछ पैसे तो डालो।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari