घोटाला सामने आने पर घबराहट
- हर कोई झाड़ रहा है इस मामले से अपना पल्ला
- रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों के छूट रहे हैं पसीने हर कोई झाड़ रहा है इस मामले से अपना पल्ला - रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों के छूट रहे हैं पसीने Meerut Meerut : कैंट बोर्ड में ऑटो स्टैंड घोटाला सामने आने के बाद अधिकारियों और रेवेन्यू डिपार्टमेंट में खलबली मच गई है। डिपार्टमेंट अपनी फाइलों को दुरुस्त करने के अलावा टैंपो चालकों से सख्ती से निपटने के मूड में आ गया है। साथ ही सभी स्टैंड पर नजर रखने के लिए विशेष इंतजाम भी करने जा रहा है। गौरतलब है कि कैंट ने अपनी लैंड पर बने टैंपो स्टैंड पर जितने टैंपो पार्क करने की परमिशन दी है, उससे कहीं अधिक टैंपो पार्क की जा रही है। इससे हर महीने कैंट बोर्ड को करीब क्फ् लाख रुपए की चपत लग रही है।कैंट बोर्ड में मचा हड़कंप
आई नेक्स्ट में ऑटो स्टैंड घोटाला खबर प्रकाशित होने के बाद कैंट बोर्ड में हड़कंप मच गया। डिपार्टमेंट अधिकारियों के अलावा हायर ऑफिशियल के पैरों के नीचे जमीन निकल गई। कैंट बोर्ड का कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है। कैंट बोर्ड सूत्रों की मानें तो कैंट बोर्ड के हायर ऑफिशियल सकते में है कि इतने दिनों से ये सब ऑपरेट हो कैसे रहा था? अब घोटाला सामने आने के बाद एक्शन प्लान बनाया है, जो अभी सभी छिपाया जा रहा है।
कैंट बोर्ड एक्शन मोड में आया - अब सभी ऑटो स्टैंड के यूनियन को ऑटो के नंबर देने के लिए नोटिस दिया जाएगा। - ऑटो चालकों का ऑटो नंबर के हिसाब से निगरानी रखी जाएगी कि कहीं दूसरा ऑटो तो नहीं चल रहा है। - अगर कोई नए ऑटो को स्टैंड पर रखने के लिए कैंट बोर्ड से परमिशन लेनी होगी। - अगर कोई नया ऑटो स्टैंड पर मिलता है तो यूनियन पर कार्रवाई की जा सकती है। - इस मामले में अगर आगे कोई कार्रवाई देखी गई तो डिपार्टमेंट के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। ये है घोटाला - कैंट बोर्ड के जिन दस्तावेजों में फ्00 ऑटो मुकाबले में करीब क्ख्00 ऑटो चल रहे हैं। - करीब 900 ऑटो अतिरिक्त चल रहे हैं। - इनका कोई डैमेज चार्ज कैंट बोर्ड से नहीं लिया जा रहा है।- सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार ख्00 रुपए पर मंथ के हिसाब से क्.80 लाख रुपए का घोटाला सामने आ रहा है।
- यूनियन हर ऑटो से ब्0 रुपए पर डे पर ऑटो वसूल रहे हैं। - एक ऑटो चालक हर महीने क्ख्00 रुपए ऑटो स्टैंड के लिए दे रहा है। - अगर फ्00 ऑटो की बात करें तो फ्.म्0 लाख रुपए ऑटो चालक यूनियन को दे रहे हैं। - बाकी 900 चालकों का हिसाब लगाया जाए तो क्0.80 लाख रुपए एक्स्ट्रा रुपया है। जब अधिकारी कर्मचारियों को बचाने का प्रयास करते हैं तो इस तरह के घोटाले सामने आते हैं। कई मामलों में अपने कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। एक बड़ा मामला है। इस पर एक्शन जरूर किया जाएगा। - जगमोहन शाकाल, अध्यक्ष, फाइनेंशियल कमेटी, कैंट बोर्ड