RANCHI: रांची रेलवे स्टेशन के बाहर बुधवार को रोड पर आटो पार्क करने को लेकर आरपीएफ और आटो चालक भिड़ गए। इस दौरान दोनों ओर से काफी देर तक तू-तू, मैं-मैं होती रही। वहीं आटो को हटाने के लिए आरपीएफ के जवानों ने थोड़ा बल प्रयोग भी किया। इसके बाद आटो चालक वहां से हटने को तैयार हुए। हालांकि कुछ आटो चालकों ने आरपीएफ पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया। इसके विरोध में थोड़ी देर के लिए आटो चालकों ने रोड भी जाम कर दिया, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पेट्रोल-डीजल ऑटो चालकों में विवाद

स्टेशन के बाहर बनाई गई पार्किग में आटो का चार्ज 30 रुपए है। इसमें केवल पेट्रोल आटो ही पार्क किए जाते हैं। डीजल आटो चालकों को वहां आटो पार्क करने से मना किया जाता है। जबकि पार्किग स्टैंड में जगह भी खाली है। आटो पार्किग स्टैंड में सभी आटो को पार्क करना है। लेकिन पेट्रोल -डीजल ऑटो चालकों के इस विवाद के कारण ही डीजल आटो चालक स्टेशन के बाहर रोड पर अपनी गाडि़यां लगाते है।

पैसेंजर बैठाने में रोड जाम

स्टेशन के बाहर रोड पर आटो पार्क करने से एक तो जगह नहीं बचती। ऊपर से पैसेंजर बैठाने के चक्कर में भी भारी जाम लग जाता है। इस चक्कर में ट्रेनों के वक्त दोनों ओर रोड पर गाडि़यों की कतार लग जाती है। अगर डीजल आटो भी पार्किग स्टैंड में अपनी गाड़ी लगाएं, तो इस जाम से मुक्ति मिल जाएगी।

वर्जन

स्टेशन के बाहर पार्किग का कोई नियम नहीं है। पेट्रोल ऑटो वाले तो पार्किग स्टैंड में गाड़ी लगा रहे हैं। लेकिन इनका आपसी कुछ विवाद है और डीजल आटो वाले लोग बाहर गाड़ी लगाते हैं। जाम हटाने की हमें अपनी ड्यूटी भी निभानी पड़ती है।

-संजीव कुमार, ओसी, आरपीएफ थाना, रांची

बाहर आटो लगाना हमारी मजबूरी है, हम लोगों को पार्किग में आटो नहीं लगाने दिया जाता है। ठेकेदार, आरपीएफ व जीआरपी से मिलकर इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। चूंकि पार्किग में पैसे देकर जब पेट्रोल वाले आटो लगा सकते हैं, तो फिर डीजल आटो क्यों नहीं।

-दिनेश सोनी, अध्यक्ष, डीजल आटो चालक संघ, झारखंड

Posted By: Inextlive