- कार्रवाई के डर से स्कूली ऑटो रिक्शा वाले आंशिक हड़ताल पर

- पेरेंट्स ने उनकी मांगो का ठहराया नाजायज, निर्धारित मानक पर बच्चों को ले जाने की अपील

GORAKHPUR: पैसा कमाने की हवस में बच्चों की जान को जोखिम में डालने वाले ड्राइवर्स को आखिरकार समझ आ गई। आई नेक्स्ट ने जब इस इशु को उठाया तो इसमें जहां पेरेंट्स का सपोर्ट मिला, वहीं मनमानी पर डटे ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स पर आरटीओ का डंडा भी चला। विरोध के बीच लगातार कार्रवाई होने पर जाकर उनकी अकल ठिकाने आई। कई दिनों से अपनी जिद पर अड़े ड्राइवर्स, सैटर्डे को आरटीओ, पेरेंट्स, कॉर्पोरेटर्स और जनप्रतिनिधियों की मीटिंग के बाद निर्धारित मानक पर ऑटो चलाने के लिए राजी हो गए। अब मंडे से ऑटो ड्राइवर्स निर्धारित मानक पर स्टूडेंट्स को स्कूल से लाने और ले जाने का काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ऑटो ड्राइवर्स से भी रूल फॉलो कर चलने की अपील की है।

चार दिनों से विरोध पर थे ड्राइवर्स

आरटीओ के स्कूली ऑटो के खिलाफ ओवरलोडिंग को लेकर चलाए जा रहे अभियान का ड्राइवर्स ने विरोध शुरू कर दिया था। पैरेंट्स ने आरटीओ के इस अभियान को सही मानते हुए ऑटो ड्राइवर्स से मानक के मुताबिक सवारियां बैठाकर ही चलाने का सजेशन दिया है। इसको लेकर ऑटो ड्राइवर्स और आरटीओ के बीच कई बार मीटिंग भी हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी। स्ट्राइक पर चल रहे ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स ने आगे भी स्ट्राइक आंशिक रुप से जारी रखने की बात कही है। सैटर्डे को ऑटो ड्राइवर्स ने इस मामले को सुलझाने के लिए ग्रामीण विधायक विजय बहादुर यादव से मिले। ग्रामीण विधायक की पहल पर दोबारा बातचीत हुई, जिसमें सभी ड्राइवर्स निर्धारित मानक पर बच्चों को लेजाने के लिए राजी हो गए।

जिंदगी से खिलवाड़ नहीं बर्दाश्त

आरटीओ की ओर से चलाए गए अभियान से बच्चों की सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर जहां ड्राइवर्स सीरियस हुए, वहीं पेरेंट्स भी अवेयर नजर आए। आरटीओ एनफोर्समेंट डॉ। अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सिटी परमिट ऑटो ड्राइवर्स को जितनी सवारियों का परमिट जारी किया गया है। वह उतनी ही सवारी बैठाएं। ओवरलोडिंग होने पर उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उनका तत्काल चालान काटा जाएगा। स्कूली बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। वैसे भी स्कूली बच्चों को ढोने से लिए पूरे पैक्ड व्हीकल ही इस्तेमाल किए जाने चाहिए।

खबर के बाद चला था आरटीओ का डंडा

9 जुलाई को सिविल लाइंस एरिया में ऑटो रिक्शा पलट गया। इसमें स्कूल बच्चे सवार थे। आई नेक्स्ट ने जब मामले की पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि सभी स्कूली ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स, ऑटो को निर्धारित मानक से ज्यादा सवारियां और बच्चे भरकर भर्राटा भर रहे हैं। इसको लेकर आई नेक्स्ट ने 'रिस्की रिक्शा' कैंपेन स्टार्ट किया। जिसके बाद आरटीओ एडमिनिस्ट्रेशन एक्टिव हुआ और बच्चों की जान को जोखिम में डालने वाले इन ड्राइवर्स पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी। अपनी मनमानी पर लगाम लगता देख, ऑटो ड्राइवर्स को कुछ समझ में नहीं आया और उन्होंने रूल्स फॉलो करने के बजाए उल्टे आरटीओ डिपार्टमेंट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था।

Posted By: Inextlive