आटोमेशन से होगी बसों के डीजल पर निगरानी
ऑटोमेटिक डीजल आटोमेशन प्रणाली से मिलेगा रोडवेज बसों में डीजल
Meerut। रोडवेज बसों में सफर के दौरान होने वाली डीजल की बर्बादी और आए दिन हो रही चोरी को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने रोडवेज बसों में डीजल डालने की प्रक्रिया को हाईटेक करने की कवायद शुरू कर दी है। इस योजना के तहत रोडवेज वर्कशॉप के डीजल पंप पर आटोमेटिक डीजल आटोमेशन प्रणाली लागू की जाएगी। इसके तहत सभी रोडवेज बसों में आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन) सेंसर लगाया जाएगा। जो डीजल की सभी प्रकार की गतिविधियों को कंप्यूटर सिस्टम में सेव कर लेगा। डीजल पर नजरयूपीएसआरटीसी और आईओसी के संयुक्त प्रयास से आटोमेटिक डीजल आटोमेशन प्रणाली लागू की जा रही है। इस प्रक्रिया में एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से बसों में डीजल का रिकार्ड मेंटेन किया जाएगा। इसके बाद किसी भी बस में किसी भी समय किसी भी डिपो में तेल का रिकार्ड मेंटेन हो सकेगा। इससे चालक द्वारा डीजल की बर्बादी या रास्ते में होने वाली डीजल चोरी की घटनाओं पर विभाग नजर रख सकेगा। रोडवेज बस को डिपो रवाना करने के बाद से सफर पूरा होने तक डीजल की खपत पर नजर रहेगी।
आरएफआईडी रखेगा रिकार्डबसों के ईधन टैंक के फ्यूल टैंक के नोजल के चारों आरएफआईडी सेंसर डिवाइस लगाई जाएगी। डीजल लेने के बाद फ्यूल गन निकालते ही सेंसर अपने आप डीजल की पूरी डिटेल यानि समय, मात्रा, जगह आदि को सेव कर लेगा। यह डाटा सर्वर पर मौजूद बस के डाटा में अपडेट कर दिया जाएगा। इस डाटा की मदद से चालक की परर्फोमेंशन को देखा जाएगा।
डीजल आटोमेशन प्रक्रिया प्रदेश के सभी डिपो में जल्द लागू की जाएगी। इसके लिए पूरा सेटअप, हार्डवेयर, इंटरनेट आदि की जरुरत है जिसको तैयार होने में समय लगेगा। एसएल शर्मा, मेरठ डिपो वर्कशॉप प्रभारी