- लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं थमा मौतों का सिलसिला

- गेट मित्र के लिए टेंडर भी निकला, लेकिन अब तक नहीं हो सकी तैनाती

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रेलवे में हादसों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक के बाद एक घटनाएं हो रही हैं। अब इसमें गलती भले ही रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की न हो, लेकिन फिर भी इससे रेल पैसेंजर्स अफेक्टेड हो रहे हैं। फ्राइडे को हुए हादसे में भी सप्तक्रांति एक्सप्रेस से सफर कर रहे हजारों पैसेंजर्स को तीन घंटे सांसत में रहना पड़ा। सबसे बड़ी बात यह है कि रेलवे ऐसे हादसों को रोकने की कोशिश में लगा हुआ है और इसके लिए उन्होंने लाखों रुपए खर्च भी किए हैं, लेकिन उनके इस खर्च के बाद भी न तो हादसों का सिलसिला रुक रहा है और न ही पब्लिक भी जागरुक हो पा रही है।

लाखों एसएमएस के बाद भी नतीजा सिफर

रेल हादसों को रोकने के लिए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन हर पॉसिबल कोशिश में लगा हुआ है। खासतौर पर अनमैंड क्रॉसिंग के लिए उन्होंने काफी कदम उठाए हैं, लेकिन सब बेकार साबित हुए हैं। पिछले पंद्रह दिनों की बात करें तो इस दौरान रेलवे ने मोबाइल पर बल्क एसएमएस कराए, ताकि लोग अनमैंड क्रॉसिंग पार करते वक्त थोड़ा सावधानी बरतें। अनमैंड क्रॉसिंग पर रेलवे ने गेट मित्र रखने की स्कीम स्टार्ट की। इसके लिए उन्होंने बाकायदा टेंडर भी निकलवा दिया, लेकिन अब तक सभी जगह तैनाती नहीं हो सकी है। गेट मित्र तैनात होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह गेट से गुजरने वाले सभी लोगों को सेफ्टी मेजर्स के बारे में इंफॉर्मेशन देंगे, वहीं ट्रेन आते वक्त गुजरने वाली गाडि़यों को भी कंट्रोल करेंगे।

Posted By: Inextlive