2:15 बजे दोपहर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में शार्ट सर्किट से लगी आग

50 कर्मचारी एवं अन्य लोग दफ्तर में थे मौजूद

1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया

2 फायर बिग्रेड की गाडि़यों ने काबू किए हालात

12 फायर बिग्रेड कर्मचारियों नें आग को काबू में किया

28 कंप्यूटर-प्रिंटर जलकर हो गए राख

शहर में दो अलग-अलग स्थानों पर लगी भीषण आग

बागपत रोड पर बंद पड़ी फैक्ट्री में भीषण आग

डीपीआरओ कार्यालय में रखे सभी दस्तावेज खाक

Meerut. आग बुझाने के इंतजाम न रखना भारी पड़ रहा है. सरकारी हो या गैर सरकारी महत्वपूर्ण विभागों और संस्थाओं में आग बुझाने के इंतजाम नहीं हैं तो वहीं फायर सेफ्टी मानकों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है. मेरठ में मंगलवार इसी लापरवाही के चलते विकास भवन परिसर स्थित जिला पंचायत राज विभाग जलकर खाक हो गया. वहीं बागपत रोड पर एक अन्य बंद पड़ी फैक्ट्री में आग के धधकने से दहशत फैल गई.

खाक हो गया कार्यालय

सिविल लाइन्स थानाक्षेत्र में मंगलवार दोपहर 2:15 बजे जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में शार्ट सर्किट से एकाएक आग धधक उठी. विकास भवन परिसर में पहली मंजिल पर मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के समीप स्थित इस कार्यालय में घटनाक्रम के दौरान करीब 50 कर्मचारी एवं अन्य लोग मौजूद थे. अभी कार्यालय में लंच का समय चल रहा था सो ज्यादातर कर्मचारी अपनी टेबल पर नहीं थे, वहीं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के बार रूम में तैनात कर्मचारी एक वीडियो कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए एनआईसी गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शार्ट सर्किट से कार्यालय के बाहर लगे फ्लैक्सी मे लगी आग खिड़की से कार्यालय में फैल गई. यहां लोहे और लकड़ी की दराजों में रखी फाइलों ने आग पकड़ी तो देखते ही देखते कार्यालय में रखा फर्नीचर, कम्प्यूटर धू-धूकर जलने लगे.

पहुंची फायर बिग्रेड

घटनाक्रम की जानकारी पर तत्काल फायर बिगे्रड मौके पर पहुंची. फायर स्टेशन महज आधा किमी की दूसरी पर था सो आनन-फानन में चीफ फायर अधिकारी अजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में दो फायर टेंडर और डेढ़ दर्जन फायरकर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया. यहां कार्यालय में रखी फाइल्स और दस्तावेज के जलने से पूरे परिसर में धुआं फैला हुआ था. ऐसे में फायरकर्मी ब्रीथिंग ऑपरेटर सेट (बीए सेट) लगाकर कार्यालय में दाखिल हुए और करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया.

सबकुछ जलकर खाक

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डीपीआरओ कार्यालय के अलावा जिला समाज कल्याण वित्त निगम और बचत कार्यालय को भी आग ने अपनी जद में ले लिया. इन कार्यालयों में भी छिटपुट नुकसान हुआ है तो वहीं डीपीआर कार्यालय पूरी तरह से जलकर खाक हो गया. करीब डेढ़ दर्जन कम्प्यूटर-प्रिंटर कार्यालय में रखे थे जो भीषण आग में जल गए. यहां बता दें कि कार्यालय में ही स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) का बार रूम में स्थापित है. इस बार रूम में 8 कम्प्यूटर के अलावा प्रिंटर एवं अन्य महंगे उपकरण रखे हुए थे, जो आग भी लपटों में स्वाहा हो गए.

नहीं बचे दस्तावेज

डीपीआरओ कार्यालय में दशकों पुराना रिकार्ड भीषण अग्निकांड में स्वाहा हो गया. डीपीआरओ ने बताया कि चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि कुछ लोहे की अलमारियों में रखा सामान ही बचा है. लकड़ी अलमारियों, टेबल और लोहे की दराज में रखी फाइलें जल गई हैं. रिकार्ड रूम में रखी फाइलें आग में जल गई तो कर्मचारियों की सर्विस बुक आदि के बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल होगा. अग्निकांड की जानकारी एडीएम प्रशासन रामचंद्र, सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार पाण्डेय मौके पर पहुंचे और उन्होंने मुआयना किया.

जांच के लिए बनेगी कमेटी

डीपीआरओ ने कहा कि अग्निकांड से हुए क्षति के आंकलन के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी यह आंकलन करेगी कि आग से कौन-कौन सा दस्तावेज, फाइल, ऑनलाइन डॉक्यूमेंट जलकर खाक हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ डेटा ऑनलाइन है उसे तो कैरी किया सकता है किंतु कम्प्यूटर के डेस्कटॉप पर मौजूद डाटा को कैरी करना मुश्किल होगा. आग में जली फाइल्स को जुटाने की कोशिश की जाएगी. सभी कर्मचारियों के पास हर फाइल की एक डुप्लीकेट कॉपी होती है. कोशिश की जाएगी कि डुप्लीकेट फाइल से ऑफिस फाइल को बनाया जा सके.

दगा दे गए अग्निशमक यंत्र

विकास भवन की बिल्डिंग में कुछ स्थानों पर अग्निशमक यंत्र लगे थे. एकाएक फैली आग के बाद लोगों ने भागना शुरू कर दिया. हालांकि कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाकर अग्निशमक यंत्र को प्रयोग में लाने का प्रयास भी किया किंतु एक अग्निशमक यंत्र के अलावा बाकी के यंत्र धोखा दे गए. फायर विभाग अग्निशमक यंत्रों की जांच भी कर रहा है कि आखिर यंत्र क्यों कारगर नहीं हुए?

सवाल..

मल्टीस्टोरी विकास भवन की बिल्डिंग की एनओसी फायर विभाग से क्यों नहीं?

मानकों का अनुपालन क्यों नहीं? अग्निशमक यंत्र, फायर हाइड्रेंट प्वाइंट और सिस्टम क्यों नहीं?

बिल्डिंग में एक तरफ की सीढि़यों पर ताला क्यों?

आपात स्थिति में एक ओर से आवागमन होने से क्षति की संभावना?

डीपीआरओ कार्यालय में फायर सेफ्टी के बंदोबस्त क्यों नहीं?

केंद्र सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के बार रूम में फायर सेफ्टी उपकरण क्यों नहीं?

मल्टी स्टोरी के लिए मानक..

फायर एक्सटिंग्यूशर, डाउनकमर का प्रावधान व फायर अलार्म सिस्टम होना चाहिए.

ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम

टेरिस टैंक का एरिया के हिसाब से निर्माण व होजरील का निर्माण.

मल्टीस्टोरी अस्पताल में 50 हजार लीटर क्षमता का भूमिगत टैंक

विद्युत चालित पंप व वेटराइजर.

नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया द्वारा तय मानकों पर भवन की संरचना.

विकास प्राधिकरण से स्वीकृत मानचित्र के आधार पर भवन निर्माण.

इनवर्टर से उतरा करंट

सीएफओ ने बताया कि परिसर में रखे इनवर्टर घटनाक्रम के दौरान वर्किंग कंडीशन में थे. हालांकि बिजली की लाइन काट दी गई थी किंतु इनवर्टर से करंट उतर रहा था. फायरकर्मियों को ऑपरेशन के दौरान करंट भी लगा जिसके बाद प्लास लेकर इनवर्टर के कनेक्शन हटाए गए, तब कहीं जाकर आग बुझाई जा सकी.

Posted By: Lekhchand Singh