राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हिंदू पक्ष ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करके बाबर ने एक 'ऐतिहासिक गलती' की थी जिसे अब ठीक करने की आवश्यकता है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हिंदू पक्ष ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करके बाबर ने एक 'ऐतिहासिक गलती' की थी, जिसे अब ठीक करने की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने एक हिंदू पक्षकार की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल और सीनियर वकील के. परासरन ने कहा कि अयोध्या में कई मस्जिदें हैं जहां, मुसलमान नमाज पढ़ सकते हैं लेकिन हिंदू भगवान राम के जन्म स्थान को नहीं बदल सकते।पूछे गए कई सवाल


सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य के वाद में प्रतिवादी महंत सुरेश दास की तरफ से अदालत में परासरन ने कहा कि सम्राट बाबर ने भारत को जीत लिया और खुद को कानून से ऊपर रखकर भगवान राम के जन्मस्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया, जो एक ऐतिहासिक गलती थी। बता दें कि बहस के दौरान संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाजेर भी शामिल रहे। इस दौरान संविधान पीठ के सभी सदस्यों ने परासरन से परिसीमा के कानून, विपरीत कब्जे के सिद्धांत और अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि से मुस्लिमों को बेदखल किए जाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल किए। इसके साथ संविधान पीठ ने यह भी पूछा कि क्या मुस्लिम 6 दिसंबर, 1992 को मस्जिद के ढह जाने के बाद भी विवादित संपत्ति के संबंध में डिक्री की मांग कर सकते हैं? बेंच ने परासरन से पूछा, 'वे कहते हैं, एक बार एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होती है, क्या आप इसका समर्थन करते हैं?'अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कर सकते हैं मध्यस्थता का एक और प्रयास लेकिन सुनवाई जारी रहेगीबुधवार को इस मामले में आखिरी सुनवाई

पीठ के सवाल का जवाब देते हुए परासरन ने कहा, 'नहीं, मैं इसका समर्थन नहीं करता। मैं कहूंगा कि एक बार एक मंदिर हमेशा एक मंदिर होता है।' पीठ की तरफ से परासरन से अनेकों सवाल पूछे जाने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, 'धवन जी, क्या हम हिंदू दलों से भी पर्याप्त संख्या में प्रश्न पूछ रहे हैं?' बता दें कि चीफ जस्टिस ने यह सवाल इसलिए पूछा क्योंकि मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से इस मामले को देख रहे सीनियर वकील राजीव धवन ने सोमवार को आरोप लगाया था कि सवाल सिर्फ उनसे ही किये जा रहे हैं। संविधान पीठ मंगलवार को 39वें दिन इस मामले में सुनवाई कर रही थी। सभी दलीलों को सुनने के बाद रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले में आखिरी सुनवाई बुधवार को होगी। उन्होंने कहा, 'आज 39वां दिन है। कल इस मामले में सुनवाई का 40वां और आखिरी दिन है।

Posted By: Mukul Kumar