अयोध्या रामजन्म भूमि का गोरखनाथ मंदिर से गहरा और ऐतिहासिक नाता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। महंत दिग्विजय नाथ की अगुवाई में रामजन्म भूमि आंदोलन की शुरुआत 1934 से 1949 के बीच हुई थी। इसके बाद वर्ष 1983 में महंत अवेद्यनाथ राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष बने और उनके नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन ने रफ्तार पकड़ी। माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बनने के बाद जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और शनिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके ही कंधों पर राम मंदिर निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी है। Ayodhya Case Verdict 2019: अयोध्यावासियों ने मनाई दीवाली सजाई रंगोली, भगवान रामलला को मिली नई पोशाकहमेशा रहा गहरा नाता
इसे महज संयोग माना जाएगा कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में जब भी कोई महत्वपूर्ण घटना घटी, तब उसका संबंध गोरखनाथ मंदिर से जुड़ा रहा। 22/23 दिसंबर 1949 को जब विवादित ढांचे में रामलला का प्रकटीकरण हुआ, तब उस दौरान तत्कालीन गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजय नाथ कुछ साधु संतों के साथ वहीं पर संकीर्तन कर रहे थे। वर्ष 1986 में जब फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित स्थल के दरवाजे का ताला खोलने का आदेश दिया, तो उस दौरान वहां ताला खोलने के लिए गोरखनाथ मंदिर के महंत अवेद्यनाथ मौजूद थे। बाद में रामजन्म भूमि आंदोलन का केंद्र भी महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में गोरखनाथ मंदिर ही बना। जब लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ तब उसी गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम हैं। अब उन्हें ही मंदिर निर्माण कराना है।  lucknow@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra