अयोध्या में सालों से तिरपाल के नीचे बैठे रामलला की मूर्ति को मंदिर निर्माण के पास अस्थाीय जगह पर विराजा जाएगा। जब तक मंदिर नहीं बन जाता रामलाला इसी जगह पर रहेंगे। हालांकि सोमवार को पूजा के साथ मंदिर निर्माण प्रक्रिया शुरु हो गई।

अयोध्या (पीटीआई)। अयोध्या में पिछले कई वर्षों से तिरपाल के नीचे बैठे रामलला को सोमवार को मंदिर निर्माण के पास अस्थायी जगह पर स्थानांतरित किया गया। पुजारियों ने सोमवार को राम लला की मूर्ति को एक अस्थायी नए स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए अनुष्ठान शुरू किया, जिससे राम मंदिर के निर्माण की अनुमति मिल गई। राम भगवान की मूर्ति के अलावा दो अन्य मूर्तियों को राम मंदिर के नियोजित निर्माण के पूरा होने तक पास के एक अस्थायी ढांचे में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में एक ऐतिहासिक फैसले में आवंटित किया था।

नवरात्र के पहले दिन विराजमान होंगे रामलला

कोरोनो वायरस खतरे से आयोजकों पर प्रतिबंध के बीच विशेष प्रार्थना शुरू हुई। पूजा मंगलवार को भी जारी रहेगी और मूर्तियों को बुधवार सुबह एक चांदी के सिंहासन के नए ढांचे में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सोमवार को प्रार्थना राम जन्मभूमि तीरथ ट्रस्ट के सदस्यों बिमलेन्द्र मिश्रा और अनिल मिश्रा की उपस्थिति में आयोजित की गई। बता दें सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन महीने की समय सीमा समाप्त होने से कुछ दिन पहले फरवरी में केंद्र द्वारा ट्रस्ट का गठन किया गया था।

सीएम योगी के आने पर संशय

राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में कोरोनो वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रार्थना के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, "हम 24 मार्च तक स्थिति पर नजर रखेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुधवार को अयोध्या की प्रस्तावित यात्रा है, इस पर राय ने कहा कि यह अभी तक फाइनल नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री वर्तमान स्थिति के दौरान लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। यह एक 'राजा' का पहला कर्तव्य है।' बुधवार को, मूर्तियों को राजस्थान के जयपुर के कारीगरों द्वारा बनाए गए 9.5 किलो चांदी के सिंहासन पर रखा जाएगा। अयोध्या प्रशासन ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी मंदिरों को बंद करने का आदेश दिया है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari