यूपी के अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के 'भूमिपूजन' का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। भूमि पूजन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से संत समाज बेचैन हो रहा है। संत चाहते हैं कि इस खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री यहां आएं ना कि वर्चुअल तौर पर अपनी माैजूदगी दर्ज कराएं।


अयोध्या (आईएएनएस)। अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के 'भूमि पूजन' के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से संत काफी बेचैन हैं। संत चाहते हैं कि राम मंदिर पर काम सावन &यके महीने में बिना किसी देरी के शुरू हो जाए जो 6 जुलाई से शुरू होगा और 3 अगस्त को समाप्त होगा। इस संबंध में महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी के रूप में नामित महंत कमल नयन दास ने कहा, हम चाहते हैं कि निर्माण 'सावन' के महीने के दौरान शुरू हो। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी से भूमिपूजन में शामिल होने का अनुरोध किया है। महंत नृत्य गोपाल दास जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं, इस संबंध में प्रधानमंत्री को एक औपचारिक पत्र भेज रहे हैं। संत प्रधानमंत्री की वर्चुअल प्रजेंस के बजाय उनकी फिजिकल प्रजेंस की मांग कर रहे हैं।संयोग से यह वही समय होगा जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे
महंत कमल नयन दास ने यह भी कहा कि संत चाहते हैं कि राम मंदिर 2022 में 'राम नवमी' पर उद्घाटन के लिए तैयार हो। संयोग से यह वही समय होगा जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि सभी संत 'भूमि पूजन' के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति चाहते हैं। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सभी संत प्रधानमंत्री की उपस्थिति का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अयाेध्या में राम मंदिर का निर्माण अब बिना किसी देरी के शुरू होना चाहिए क्योंकि लोग एक भव्य मंदिर में अपने देवता के दर्शन का काफी समय से बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

Posted By: Shweta Mishra