छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जेईई एडवांस के स्टेट टॉपर आयुष कुमार अग्रवाल ने बताया कि हंसते-खेलते पढ़कर भी झारखंड टॉपर बना जा सकता है। इसका उदाहरण वो खुद है। आयुष ने कहा कि वह घर में मात्र डेढ़ से दो घंटे ही पढ़ता था। उनका मानना है कि लगातार पढ़ने का सिस्टम बहुत खराब है। अगर छात्र की रुचि पढ़ने वाले विषय में है तो स्कूल में पढ़कर तथा कोचिंग से मागदर्शन प्राप्त कर टॉपर बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जेईई मेन में 97वां रैंक था, अब उसे अखिल भारतीय स्तर पर 60वां रैंक प्राप्त हुआ है। आयुष को और रैंक अच्छा होने की संभावना थी। आयुष आइआइटी बांबे या फिर आइआइसीएस से कंप्यूटर साइंस में अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहता है। हालांकि उनकी रुचि रिसर्च में है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को दिया है।

नया सिस्टम से हुई थी परेशानी

जेईई एडवासं की परीक्षा में खासकर ऑनलाइन एक्जाम व डेसिमिल में आंसर देने का नया सिस्टम लागू हो जाने से छात्रों को परेशानी तो हुई थी। जेईई एडवांस में इस बार सबसे ज्यादा टिपिकल केमेस्ट्री का विषय था। इस कारण सभी छात्रों के कम नंबर केमेस्ट्री में प्राप्त हुए है।

क्रिकेट का है शौक

डिमना रोड में टायर हाउस दुकान के संचालक विजय कुमार अग्रवाल का बेटा आयुष कुमार अग्रवाल क्रिकेट खेलने का शौकीन है। वह खाली समय में क्रिकेट खेलना पसंद करता है। घर में उसकी मां बबिता अग्रवाल के अलावा भरा-पूरा परिवार है। भैया विवेक भी किट्स से इंजीनिय¨रग कर रहा है। एक भाई विशाल ग्रेजुएशन कर रहा है। आयुष की स्कूलिंग डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल कदमा से हुई।

आईएएस की तमन्ना

आयुष अग्रवाल ने अपनी भविष्य की प्लानिंग के बारे में बताया कि उसे भौतिकी के क्षेत्र में रिसर्च करने का ख्वाहिश है। इस पर वह काम भी कर रहा है। कई तरह के रिसर्च इसमें करने की संभावना तलाश रहे हैं। आइआइटी में पढ़ने के दौरान इस दिशा में और प्रयास होगा। इसके अलावा आइएएस की परीक्षा भी दूंगा।

Posted By: Inextlive