हम बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं इंडिया के फेमस बिजनेस पर्सनैलिटी अजीम प्रेमजी का. वी विश हिम अ वेरी हैप्पी बर्थडे. प्रेम जी एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने बिजनेस की दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिये. उनका नाम आज न सिर्फ इंडिया में बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है. उनकी इन्हीं अचीवमेंट्स की वजह से उन्हें 'इंडिया का बिलगेट्स' कहा जाता है. आइये जानते है कैसे यह महान शख्स तेल साबुन की छोटी सी कंपनी से विप्रो लिमिटेड का चेयरपर्सन बन गया.


शुरुआती जिंदगीअजीम प्रेमजी का जन्म मुंबई के एक गुजराती मुस्लिम परिवार में 24 जुलाई 1945 को हुआ था. साल 1966 में प्रेमजी के सिर से पिता एम.एच. प्रेमजी का साया उठने के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. महज 21 साल की उम्र में उन्होंने अपना फैमिली बिजनेस अपने हाथों में ले लिया. प्रेमजी ने जब कारोबार संभाला उस समय उनकी कंपनी वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट कंपनी हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल बनाती थी. उनकी लीडरशिप में साबुन तेल बनाने वाली वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल ने विप्रो का रूप लिया. इसके बाद दूसरे प्रोडक्ट्स के साथ ही विप्रो ने आईटी सेक्टर में अपना खास मुकाम बनाया. अजीम प्रेमजी के फैमिली में उनकी वाइफ यास्मिन और दो बच्चे रिषाद और तारिक हैं. रिषाद विप्रो में ही काम करते हैं.कामयाबी की हर ऊंचाई छू ली
इस समय प्रेमजी आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन हैं. विप्रो के दुनियाभर में एक लाख तीस हजार एंप्लॉई हैं. इसकी 54 देशों में ब्रांचेज हैं. विप्रो का हेड ऑफिस बैंगलोर में है. अजीम प्रेमजी कभी देश के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके हैं. इस समय वे प्तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं जबकि दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में वो 41वें नंबर पर हैं. अमेरिकी बिजनेस जर्नल फोर्ब्स के मुताबिक वर्ष 1999 से 2005 तक वे भारत के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके हैं. सोशल रिस्पॉन्सिबिलटी भी निभाईसोशल सर्विस में रिमार्केबल कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए साल 2005 में भारत सरकार के अजीम प्रेमजी को पद्म भूषण से सम्मानित किया. प्रेमजी की संस्था ‘दि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ गरीब बच्चों को प्राइमरी एजूकेशन देती है. कुछ दिनों पहले  उन्होंने देश की आर्थिक हालात पर बरसते हुए कहा था कि इस देश में नेताओं की कमी है. उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों के काफी तीखी प्रतिक्रिया आई थी.आईटी विजर्ड के उसूलप्रेमजी का मानना है कि क्वालिटी, लागत और डिलीवरी में इंटरनेशनल पैरामीटर्स की के बारे में सोचना चाहिए. जब तक स्टैंडर्ड्स से ऊपर ना चले जाएं, आराम न करें. उनसे जुड़ी एक खास बात है कि वो हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास में सफर करना पसंद करते हैं. विप्रो लिमिटेड के चेयरपर्सन लग्जरी होटलों की जगह अगर कंपनी गेस्ट हाउस अवेलेबल हो तो उसी में ठहरना पसंद करते हैं.

Posted By: Shweta Mishra