मंडे को रांझावाला में झाडि़यों में बरामद हुई थी नवजात बच्ची

दून हॉस्पिटल पहुंचकर बाल आयोग की अध्यक्ष ने जाना हाल

देहरादून। नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद रायपुर के एक दुकान के पीछे झाडि़यों में फेंक देने के बाद चूहे ने बच्ची का पैर कुतर दिया। बच्ची की हालत गंभीर है। नवजात की हालत गंभीर है। न तो वह दूध पी पा रही है और न ही सांस ले पा रही हैं। बायें पैर के अंगूठे और छोटी अंगुली को चूहे ने कुतर दिया है।

बाल आयोग ने जाना हाल

मंडे को रायपुर रोड के रांझावाला के एक दुकान के पीछे झांडियों में नवजात को फेंक दिया गया था। स्थानीय लोगों ने जब रोने की आवाज सुनी तो नवजात को उठाकर सीएचसी ले गए। वहां से उसे दून हॉस्पिटल में ले जाया गया। नवजात को निक्कू में रखा गया है। यहां उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा है। ट्यूजडे को नवजात को देखने के लिए बाल कल्याण संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी दून हॉस्पिटल पहुंची। उन्होंने बच्ची की हाल-चाल जाना और डाक्टर्स को नवजात की विशेष देखभाल करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी अपील की कि सिविल सोसायटी को आगे आना होगा।

फेंकने के बजाय पालना में रखें

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि नवजात को झांडि़यों में फेंकने के बजाय उसे पालना में रखें, ताकि जन्म लेने वाले का जीवन सुरक्षित रह सके।

गैगरिन की संभावना

डॉक्टर्स के अनुसार बाएं पैर के अंगूठे में चोट लगने के कारण वहां पर पस बन गया है। इससे उसे गैगरीन जैसी स्थिति होने की शिकायत हो सकती है। इसे देखते हुए बच्ची को रेबीज के इंजेक्शन दिया जा रहा है।

नाल तक नहीं काटी थी

डॉक्टर्स के अनुसार बच्ची की नाल तक नहीं काटी गई थी। निक्कू के डॉक्टर संजीव के अनुसार बच्ची का जन्म मंडे मॉर्निग 8 से10 के बीच हुआ होगा। उसका वजन केवल दो केजी है। बच्ची के चेस्ट में प्रॉब्लम है और उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। उसे ऑक्सीजन पर रखा गया है।

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दुख:द स्थिति है, समाज को अवेयर रहना चाहिए। अगर ऐसा कोई मामला आपके सामने आता है या इसकी कोइ्र जानकारी हो तो तुंरत जानकारी दे। जिससे एक जान बचाई जा सके।

ऊषा नेगी,

अध्यक्ष बाल आयोग

पहले भी मिले कई न्यू बोर्न बेबी

नवजात को फेंक दिये जाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजधानी में नवजात को फेंकने के मामले सामने आए है। पिछले वर्ष जून में जाखन में एक नवजात का शव बरामद किया गया था, जिसे कुत्ता मुंह में दबाकर ले जा रहा था। दूसरा मामला जुड़वा नवजात शिशुओं का था। अगस्त में आईटी पार्क के पास जुड़वा शिशुओं को झाडि़यों में फेंक दिया गया था। दिसम्बर में खुड़बुड़ा में एक पुल के नीचे एक नवजात मिला था। नवजात को दून महिला हॉस्पिटल ले गए, जहां चार घंटे बाद नवजात ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा चंद्रबनी और मोथरोवाला में भी नवजात मिले थे। एक नवजात को पथरीबाग स्थित मंदिर में रखा गया था।

Posted By: Inextlive