- सुविधाओं से लैस करने की जद्दोजहद शुरू

- 27 और 28 नवंबर को जांचा जाएगा अर्बन पीएचसी

- डेरवा को पहले ही मिल चुका है एनक्वास सर्टिफिकेट

GORAKHPUR: प्रदेश में सबसे पहले नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) का सर्टिफिकेशन पाने वाले जनपद के डेरवा प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) की तर्ज पर अर्बन पीएचसी बसंतपुर भी परखी जाएगी। यह सूबे में सबसे पहले एनक्वास सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला यूपीएचसी हो जाएगा। भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम 27 और 28 नवंबर को 1500 बिंदुओं पर इस यूपीएचसी की जांच करेगी। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी के निर्देश पर सभी नेशनल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी व कंसल्टेंट यूपीएचसी के निरीक्षण के पूर्व अंतिम तैयारियों में जुटे हैं।

70 परसेंट लाने होंगे मा‌र्क्स

सीएमओ ने बताया कि इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। पंकज तलरेजा और रोहतक के जिला राजकीय चिकित्सालय की क्वालिटी कंसल्टेंट इंदु चौहान यूपीएचसी का मूल्यांकन करने आ रही हैं। दो दिनों तक यह टीम एनक्वास के मानकों पर यूपीएचसी की जांच करेगी। अगर जांच में 70 फीसदी से ज्यादा अंक मिलता है, तो बसंतपुर एनक्वास प्रमाणित प्रदेश की पहली यूपीएचसी बन जाएगा।

प्रदेश की कायाकल्प टॉपर है बसंतपुर

बसंतपुर यूपीएचसी कायाकल्प अवार्ड स्कीम में पूरे उत्तर प्रदेश में टॉपर रही है। बसंतपुर को कुल 83 फीसदी अंक अर्बन हेल्थ सेंटर कैटेगरी में प्राप्त हुए हैं। इस यूपीएचसी की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ। पल्लवी श्रीवास्तव व उनकी टीम के प्रयासों से यहां काफी बदलाव हुए हैं। बसंतपुर यूपीएचसी पर शुगर, बीपी समेत कई प्रमुख बीमारियों की वह दवाएं भी फ्री ऑफ कॉस्ट उपलब्ध हैं जो प्राइवेट में मिलती हैं। इसके लिए डॉ। पल्लवी ने कई मौकों पर खुद स्टोर पहुंच कर इन दवाओं को स्क्रीन किया। अगर कोई दवा नहीं मिली तो उच्चाधिकारियों से अनुरोध कर इंतजाम करवाया। वह अपने यूपीएचसी के कर्मचारियों को लगातार प्रोत्साहित करती रहती हैं कि वे टीम भावना के साथ काम करें।

Posted By: Inextlive