बड़ा खुलासा: बाबू सिंह ने इकबाल को दिए थे 1000 करोड़

पूर्व एमएलसी के खिलाफ ईडी की जांच में उठा पर्दा, सुप्रीम कोर्ट जाएगी पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट,

13 एजेंसियां पूर्व एमएलसी के पीछे

700 एकड़ में फैली यूनिविर्सिटी का भी मालिक

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW : सहारनपुर में दस साल पहले लकड़ी की मामूली टाल और फलों की दुकान लगाने वाला शख्स 700 एकड़ में फैली आलीशान यूनिवर्सिटी का मालिक बन गया। अचानक 150 से ज्यादा कंपनियां और 40 से ज्यादा फर्मे खोल लीं। सहारनपुर और आसपास के इलाके में खनन का सबसे बड़ा कारोबारी बन गया। पैसों की चकाचौंध ने राजनीति में इंट्री कराई तो बसपा राज में कद्दावर मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की मदद से एमएलसी का पद भी हासिल कर लिया। सहारनपुर के रहने वाले मोहम्मद इकबाल के कुछ ऐसे ही काले कारनामे अब इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की फाइलों में दर्ज हो चुके हैं। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने एनआरएचएम घोटाले की काली कमाई में से एक हजार करोड़ रुपये मोहम्मद इकबाल को कैश दिए थे जिसे सफेद करने के लिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में खपाया गया।

कंपनियों में खपा दी काली कमाई

ईडी के सूत्रों की मानें तो यह रकम बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल को दी थी। इकबाल ने इसके बाद दिल्ली में करीब 150 फर्जी (शेल) कंपनियां खोली और शेयर आदि में निवेश करना शुरू कर दिया। ईडी की जांच में ज्यादातर कंपनियों के डायरेक्टर नौकर, खानसामा और ड्राइवर निकले। करीब 84 कंपनियों के पते भी फर्जी मिले हैं। इकबाल ने फर्जी कंपनियों में खपाई गयी रकम को दोबारा हासिल करके ग्लोकल यूनिवर्सिटी में खपा दिया। ईडी ने कवायद को मनी लांड्रिंग का केस माना है। साथ ही वह बड़े पैमाने पर यूनिवर्सिटी को दिए गये संदिग्ध डोनेशन और 11 शुगर मिल खरीदने की जांच भी कर रही है। दरअसल एनआरएचएम घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने जब बाबू सिंह कुशवाहा पर शिकंजा कसा तो मोहम्मद इकबाल का नाम सामने आया। सीबीआई ने बाबू सिंह के खिलाफ कुछ मामलों में चार्जशीट दाखिल की तो ईडी ने बाबू सिंह और इकबाल के बीच लेन-देन की जांच शुरू कर दी। इस बीच इकबाल पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा और देखते ही देखते 13 जांच एजेंसियां उसके पीछे पड़ गयी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया तो इसकी मॉनिटरिंग की जाने लगी। अब ईडी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ की गयी जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने जा रही है।

ईडी ने किया तलब

ईडी ने मोहम्मद इकबाल के खिलाफ पुख्ता सुबूत जमा करने के बाद उसे अगले हफ्ते राजधानी स्थित ईडी के जोनल मुख्यालय में तलब किया है। इस दौरान उससे गहन पूछताछ की जाएगी और बाबू सिंह के साथ लेन-देन के प्रमाण सामने रखकर सवाल पूछे जाएंगे। इसके बाद ईडी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी ताकि इकबाल पर कानून का शिकंजा कसा जा सके। दरअसल सहारनपुर निवासी रनवीर सिंह ने मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की थी जिसके बाद कोर्ट ने उनकी आय के स्रोतों को जांचने और एजेंसियों को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। रनवीर सिंह ने अपनी एनजीओ 'सेव इंडिया सोसाइटी' की तरफ से यह पीआईएल दाखिल की थी। इकबाल द्वारा काली कमाई अर्जित करने और अवैध खनन करने के खिलाफ 'सेव इंडिया सोसाइटी' ने सहारनपुर में प्रदर्शन भी किया था।

बाबू सिंह को भी दिया धोखा

जांच में यह भी पता चला है कि इकबाल ने बाबू सिंह की काली कमाई को हड़पने के लिए उन्हें धोखा देने में भी गुरेज नहीं किया। बाबू सिंह के पास करोड़ों रुपये होने की बात उन्होंने बसपा हाईकमान तक पहुंचा दी जिसके बाद बाबू सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस भी दर्ज हो गया। वहीं इकबाल की काली कमाई से बनाया गया साम्राज्य फलता-फूलता रहा और वह दस हजार करोड़ से अधिक का मालिक बन गया। इकबाल के समाजवादी पार्टी के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं, यही वजह रही कि सपा सरकार में भी सहारनपुर में उसका अवैध खनन का कारोबार चलता रहा।

ये एजेंसियां कर रही जांच

आईबी, सीबीआई, इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट, इनकम टैक्स, केंद्रीय सतर्कता आयोग, सेबी, डीआरआई, फायनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट, सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन यूनिट, कंपनी अफेयर्स, फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट डिपार्टमेंट, सीबीडीटी, एनजीटी।

पूर्व बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल ने प्रकृति का दोहन किया है। अवैध खनन करके यमुना नदी की भौगोलिक संरचना को बिगाड़ दिया है। सूबे की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पूर्व एमएलसी की काली कमाई की जांच कर सख्त कार्रवाई करे। मेरे ऊपर सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मुकदमे लादे जाने की जांच भी निष्पक्षता से करायी जाए।

- रनवीर सिंह

संस्थापक, सेव इंडिया सोसाइटी

ईडी की जांच में पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ कई पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। बाबू सिंह कुशवाहा के साथ हुए करीब एक हजार करोड़ रुपये नकद लेन-देन के प्रमाण जुटाए जा चुके हैं। जल्द ही इसकी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी। कोर्ट के आदेश पर पूर्व एमएलसी की संपत्तियों को अटैच किया जाएगा।

- जांच अधिकारी, इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट

Posted By: Inextlive