लापरवाही से हो रहा काम, हर तरफ खतरा ए आम
(रिएलिटी चेक)
इंट्रो लखनऊ में गुरुवार को मेट्रो लाइन की कंस्ट्रक्शन साइट पर हादसा हुआ। एक गार्टर गिरने से नीचे गुजर रहा एक राहगीर जान गंवा बैठा और कुछ अन्य घायल हुए। इस हादसे के बाद डीजे आई नेक्स्ट ने अपने शहर में चल रहे निर्माण कार्यो में सेफ्टी अरेंजमेंट की तफ्तीश का फैसला लिया। हमारी टीम मंडुआडीह रेलवे ओवर ब्रिज तथा चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर एक्सटेंशन वर्क साइट पर पहुंची। दोनों ही जगह लापरवाही के साथ खतरा साफ नजर आया। आप भी देखिये कैसे चल रहा है सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर काम इनकी लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी - चौकाघाट और मंडुवाडीह में बन रहे फ्लाईओवर निर्माण में सुरक्षा मानकों को किया जा रहा है अनदेखा, - लखनऊ में गुरुवार को मेट्रो निर्माण के दौरान गार्टर गिरने से जा चुकी है एक राहगीर की जान- निर्माण में लगे लेबर भी बगैर सुरक्षा उपकरणों के कर रहे हैं काम काम
- निर्माण के दौरान नीचे से गुजर रही पब्लिक कभी भी हो सकती है बड़े हादसे का शिकार 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ स्पॉट : अंधरापुल चौराहा समय : दोपहर 1.10 बजेचौकाघाट से अंधरापुल के बीच निर्माणाधीन फ्लाईओवर के निर्माण में सुरक्षा मानकों को ताक पर रख दिया गया है। दोपहर के वक्त जब अंधरापुल के आसपास भारी भीड़ थी उस वक्त भी काम चल रहा था। कंस्ट्रक्शन साइट पर कोई बैरेकेडिंग न होने से कोई भी गार्डर, स्लैब या निर्माण सामग्री राहगीरों पर गिर सकता है। किसी की जान भी जा सकती है।
स्पॉट : मंडुवाडीह बाजार समय : दोपहर के 2. 20 मिनट मंडुवाडीह बाजार से महमूरगंज तक बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है लेकिन अभी बाजार और रेलवे ट्रैक के ऊपर थोड़ा काम जारी है। जिसमे लापरवाही देखने को मिली। पब्लिक की सुरक्षा के साथ यहां पर काम करने वाले लेबर्स की सुरक्षा की भी परवाह न ही प्रशासन को है और न ही कार्यदायी संस्था के साथ ठेकेदार को। क्योंकि सभी लेबर्स फ्लाईओवर निर्माण में करीब 30 फीट पर बगैर हेलमेट और बगैर किसी रस्सी के काम कर रहे थे।ये शहर में बन रहे दो नये फ्लाईओवर्स के निर्माण के दौरान सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही का वो सच है जो गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक के बाद सामने आया है। लखनऊ में गुरुवार को ही यूनिवर्सिटी के पास मेट्रो निर्माण के दौरान ऊपर से एक गार्डर गिरने से एक स्कूटी सवार की मौत और एक अन्य के घायल होने और दो दिन पहले ही लखनऊ में पुल निर्माण के दौरान तीन लेबर्स के नीचे गिरकर जख्मी होने के बाद हमने शहर में चल रहे दो फ्लाईओवर्स के निर्माण के दौरान पब्लिक और लेबर्स की सेफ्टी का हाल जाना। जिसने हमें चौका दिया क्योंकि चौकाघाट से लहरतारा और मंडुवाडीह बाजार से महमूरंगज तक बन रहे दोनों फ्लाईओवर्स के निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों को भूलकर काम चल रहा है। जिससे कभी भी बनारस में भी लखनऊ जैसी घटना की की पुनरावृत्ति हो सकती है।
सेफ्टी के लिए नियम हैं लेकिन (फार योर इंफार्मेशन) रूल: फ्लाईओवर या कोई भी सार्वजनिक प्लेस पर सभी तरह के बड़े काम रात में होने चाहिए। रिएलिटी: दोनों फ्लाईओवर पर दिन में काम जारी है। रूल: जिस प्लेस पर काम हो रहा हो उसे बैरेकेटिंग कर ब्लाक करना चाहिए ताकि नीचे की तरफ या आस-पास कोई न जा पाए। रिएलिटी: दोनों निर्माण स्थल पर बैरेकेटिंग का पता नहीं है। रूल: ढलाई के लिए लगाये गाए गार्डर या लोहे की प्लेट समेत पिलर्स को वेल्डिंग करके फ्रेम करना चाहिए जिससे उनके खिसकने का खतरा न रहे। रिएलिटी: ऐसा दोनों जगह पर होता नहीं दिखा।रूल: एक के ऊपर एक निर्माण सामग्री रखकर काम नहीं करना चाहिए साथ ही सभी वर्कर्स को सेफ्टी जैकेट व हेलमेट से लैस होना चाहिए।
रिएलिटी: निर्माण सामग्री एक के ऊपर एक दिखी और वर्कर्स भी सेफ्टी इक्वीपमेंट्स से लैस नहीं नजर आए। सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो। (शॉकिंग ऑस्पेक्ट) - किसी बड़े वाहन के धक्के से ढलाई को लगे लोहे के गार्डर और पिलर्स गिर सकते हैं। - ऊपर काम कर रहे मजदूरों के हाथ से कोई भारी सामान नीचे किसी पर गिर जाए। - लोहे की छड़ या कोई नुकीली चीज स्लीप करके किसी भी व्यक्ति या वाहन पर गिर जाए। - निर्माण स्थल पर फैले बिजली के तार करंट दौड़ने से कोई इसकी चपेट में आए। चौकाघाट फ्लाईओवर - चौकाघाट से लहरतारा तक फ्लाईओवर विस्तार - 2018 मार्च निर्माण की अंतिम तिथि - 7787.48 लाख रुपये लागत - 1784 मीटर लंबाई - 2015 में कार्य शुरू मडुआडीह आरओबी - 30 जून 2017 कार्य खत्म होने की तिथि - 3526.63 लाख रुपये है कुल लागत - 652 मीटर आरओबी की लंबाईमुझको लखनऊ वाली घटना की जानकारी नहीं है लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो हम अपनी साइट पर पहले से ज्यादा अलर्ट होकर काम करेंगे। इसके लिए प्रशासन और पुलिस के साथ सामंजस्य बैठाकर सेफ्टी और बढ़ाने का काम होगा ताकि ऐसी कोई अप्रिय घटना न हो।
के आर सुदन, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम हम तो पूरी सुरक्षा के साथ काम करवा रहे हैं हो सकता है कि कहीं कमी रह गई हो लेकिन हमारा पूरा प्रयास रहता है कि कोई भी दुर्घटना किसी साइट पर न हो क्योंकि पब्लिक और लेबर सेफ्टी हमारी पहली प्राथमिकता है। आरयू खान, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम