Varanasi: सिटी की ध्वस्त हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पिछले दिनों ट्रैफिक पुलिस ने कुछ नई कवायदें की थी. सिटी के आधा दर्जन से अधिक जगहों पर बैरियर व गोलार्ड चेन लगायी गयी थी. इससे ट्रैफिक सिस्टम तो कुछ दिनों तक काफी ठीक रहा और लोगों ने भी इसे अच्छा माना. लेकिन यही व्यवस्था अब दुव्र्यवस्था का रूप ले ली है. इनमें कुछ अपनी जगह से हट गये हैं तो कुछ टूट गये हैं. प्रॉपर देखरेख नहीं होने से अब ये बैरियर्स व गोलार्ड स्मूद ट्रैफिक में प्रॉब्लम कर रहे हैं. वहीं इसके चलते राहगीर चोटिल भी हो रहे हैं.


कौन सुधारेगा? समाजिक संगठनों और कई प्राइवेट संस्थाओं के सहयोग से ट्रैफिक पुलिस ने लाखों रुपये खर्च कर सिटी की सात बिजी सड़कों के ट्रैफिक को सुधारने के लिए डिवाइडर के रूप में बैरियर और गोलार्ड कोन लगवाये थे। इस व्यवस्था को ठीक रखने का जिम्मा स्थानीय पुलिस पिकेड और सुबह ड्यूटी पर पहुंचने वाले होमगाड्र्स को दिया गया था। लेकिन इन दोनों ने अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया। यही वजह है कि कैंट, जगतगंज, क्वींस कॉलेज गेट के सामने, कबीरचौरा समेत अन्य सड़कों पर लगाये गये बैरियर्स और गोलार्ड कोन इधर उधर टूट-मुड़ गये हैं। कई बैरियर्स तो पूरी तरह से डैमेज हो गये हैं। ये कई रोड एक्सीडेंट्स के कारण बन गये हैं।Highlights - कैंट, कबीरचौरा, लहुराबीर, नटराज सिनेमा, रथयात्रा चौराहा, नदेसर मस्जिद, जगतगंज में लगे हैं बैरियर और गोलार्ड कोन।
- सिटी में विभिन्न स्थानों लगाये गये हैं कुल 167 बैरियर्स वहीं गोलार्ड की संख्या है 450. - बैरियर व गोलार्ड पर खर्च हुए हैं लगभग दस लाख जबकि गोलार्ड में लगने वाली रस्सी पर सात हजार रुपये।कोई सुनता ही नहीं है


एसपी ट्रैफिक गणेश नाथ खन्ना भी इसे स्वीकार करते हैं। वे कहते हैं कि यह सच है कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए की गई व्यवस्था ही अब दुव्र्यवस्था बन गयी है। इसके लिए यहां के लोग समेत पुलिस पिकेड और ट्रैफिक के जवान भी जिम्मेदार हैं। इन्हें कई बार इन इक्वीपमेंट्स को ठीक करने का आदेश मैंने दिये हैं लेकिन कोई सुने तब न। कोई सुनता ही नहीं है।

Posted By: Inextlive