Badrinath Temple भगवान बद्रीनाथ मंदिर के पट खुलने का इंतजार अब खत्म होने वाला है। करीब छह महीने से बंद मंदिर के पट आगामी 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर से खोल दिए जाएंगे। यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।

चमोली (उत्तराखंड) (एएनआई)। Badrinath Temple उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित भगवान बद्रीनाथ मंदिर के पट खुलने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है। बद्रीनाथ मंदिर 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर से खोल दिया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी प्रसिद्ध भगवान विष्णु मंदिर के द्वार वैदिक मंत्रोचार व भजनों के बीच औपचारिक रूप से खोले जाएंगे। इस दाैरान यहां पर मंदिर प्रबंधन के सदस्यों के साथ प्रशासनिक अमला भी माैजूद रहेगा। मंदिर के पट आम जनता के लिए खुलने के बाद यहां पर हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के आएंगे। ऐसे में बद्रीनाथ धाम आने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए मजबूत इंतजाम किए जाएंगे। बद्रीनाथ हिंदुओं के चार महत्वपूर्ण धामों में से एक है।

देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आते

उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अन्य हिमालयी मंदिरों की तरह बद्रीनाथ के दरवाजे भी हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों की शुरुआत में बंद हो जाते हैं। इस सीजन यहां भारी बर्फबारी होती है। इसके बाद हर छह महीने बाद अप्रैल-मई में फिर कपाट खोल दिए जाते हैं। हर साल यहां देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आते हैं। बद्रीनाथ मन्दिर में भगवान विष्णु के एक रूप बद्रीनारायण की पूजा-अर्चना होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर में बद्रीनारायण की 1 मीटर लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है। हिंदुओं में मान्यता है कि यह मूर्ति विष्णु के आठ स्वयं व्यक्त क्षेत्रों (स्वयं प्रकट हुई प्रतिमाओं) में से एक है। इसे आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में समीपस्थ नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था।

Posted By: Shweta Mishra