- नाका हिंडोला गुरुद्वारा में सुबह से उमड़ी भीड़

- फूल-मलाओं से सजाए गये शहर के गुरुद्वारे

LUCKNOW: खालसा पंथ का फ्क्7वां साजना दिवस यानी बैसाखी पर्व बुधवार को पूरे शहर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बैसाखी नव वर्ष का आगमन माना जाता है। फसल के पकने के बाद इस पर्व को पंजाबी समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। शहर के नाका हिंडोला गुरुद्वारा में सुबह से ही लोग दर्शन करने के लिए गुरुद्वारा पहुंचे और श्रद्धा और हर्षोल्लास बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं दी।

गुरुवाणी का किया रसपान

नाका स्थित गुरुद्वारे में दीवान हॉल बहुत ही खूबसूरती के साथ सजाया गया था। लोगों ने पंक्तियों में खड़े होकर गुरुग्रंथ साहिब के दर्शन किये और गुरुवाणी का रस पान किया। अखंड पाठ की समाप्ति के बाद हजूरी रागी भाई राजिंदर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में पवित्र आसा दी वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल कर दिया। विशेष रूप से पधारे पंथ प्रचारक ज्ञानी जसवंत सिंह परवाना जी ने खालसा पंथ दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये। रागी जत्था के हरविंदर पाल सिंह, बीबी कौलां ने भी शबद कीर्तन गायन कर लोगों को भाव विभोर कर दिया। अरदास के बाद सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इसके अलावा शहर के अलग-अलग गुरुद्वारों में भी लंगर और शबद कीर्तन हुए।

लगाया गया लंगर

श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारों के बाहर लंगर का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों को लंगर वितरित किया गया। इसके अलावा जगह जगह पर पानी के स्टाल लगे हुए थे। इस लंगर में हजारों की संख्या में लोगों ने स्वाद चखा।

बैसाखी

फसल पकने की खुशी में किसान इस पर्व को मनाते हैं। इसको नव वर्ष भी कहते हैं। पंजाब में इस पर्व को बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। इस पंथ की स्थापना गुरु गोबिंद सिंह ने क्फ् अप्रैल क्म्99 में की थी।

Posted By: Inextlive