- गुरुद्वारों में धूमधाम से मनाया गया बैसाखी पर्व

- अमृतसर से आए पंच प्यारों ने चखाया अमृतपान

- कथा व्याख्यान और शबद कीर्तन से संगत को किया निहाल

LUCKNOW: खालसा पंथ का 317 साजना दिवस (बैसाखी पर्व) मंगलवार को बड़े धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा नाका हिंडोला और केन्द्रीय सिंह गुरुद्वारा आलमबाग में शबद कीर्तन के साथ लंगर का आयोजन किया गया। बैसाखी के अवसर पर गुरुद्वारा साहिब और दरबार को फूलों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया गया। शबद कीर्तन के बाद हजारों लोगों ने अमृतपान छका।

फूलों से सजी सुंदर पालकी

खालसा पंथ का फ्क्7वां साजना दिवस (बैसाखी पर्व) नाका हिंडोला स्थित गुरुद्वारामें श्रद्धा एवं पारम्परिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर गुरुद्वारा साहिब का भव्य दीवान हॉल खूबसूरती से सजाया गया था। दीवान हॉल के बीचो-बीच फूलों से सुसज्जित सुन्दर पालकी साहिब में गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश किया गया था। सुबह से ही लखनऊ एवं आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारा नाका हिंडोला में पहुंचने लगे। पंक्तियों में खडे़ होकर गुरु ग्रन्थ साहिब के दर्शन किए। गुरुवाणी का रस पान किया। अखण्ड पाठ की समाप्ति के पश्चात हजूरी रागी राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में पवित्र आसा दीवार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

शबद कीर्तन से साध संगत हुए निहाल

ज्ञानी दविन्दर सिंह ने बैसाखी पर्व पर कथा व्याख्यान किया। विशेष रूप से पधारे रागी जत्था कंवलदीप सिंह हजूरी रागी अमृतसर ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। ज्ञानी हरविन्दर सिंह प्रचारक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ने खालसा पंथ साजना दिवस पर गुरमत विचारों द्वारा दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किये। रागी जत्था बलवीर सिंह साबका हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर समूह साध संगत को भाव विभोर किया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं, गुरमति संगीत एकेडमी नाका हिंडोला के बच्चों ने भी कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। अरदास के उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरित किया।

तीस हजार लोगों ने छका लंगर

बैसाखी पर्व पर सुबह अमृत संचार के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें दरबार साहिब अमृतसर से पधारे पांच प्यारों ने श्रद्धालुओं को अमृतपान करवाया। इसमे लगभग फ्0 पुरुष, महिलाओं और बच्चों ने अमृतपान किया। दोपहर के क्ख् बजे से गुरु का लंगर समस्त संगतों में वितरित किया गया। इसमें लगभग ख्0 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। लंगर पकाने की सेवा सरदार दिलीप सिंह एवं उनके साथियों ने की। लंगर वितरित करने की सेवा सिख यंग मेन्स एसोसिएशन एवं दशमेश सेवा सोसायटी के सदस्यों द्वारा की गई। जल की सेवा सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी एवं अमृत सेवक जत्थे द्वारा की गई, जोड़ों (जूतों) एवं साइकिलों की सेवा सिख सेवक जत्थे द्वारा की गई। दरबार हॉल की सेवा यूथ खालसा एसोसिएशन एवं दशमेष सेवा दल द्वारा की गई, उन्हें लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा ने गुरु घर का सम्मान सिरोपा देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सरदार सतपाल सिंह मीत ने किया।

खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार खत्म किया

केंद्रीय सिंह सभा गुरुद्वारा आलमबाग में वैसाखी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब एवं दरबार हॉल को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। इस अवसर पर विशेष रूप से बडु साहिब से आये रागी जत्था एवं प्रचारक ने शबद गायन एवं कथा से सगंत को निहाल किया। पुराने रीति रिवाजों से ग्रसित निर्बल, कमजोर व साहसहीन हो चुके लोग सदियों की राजनीतिक व मानसिक गुलामी के कारण कायर हो चुके थे। निम्न जाति के समझे जाने वाले लोगों को जिन्हे समाज तुच्छ समझता था, दशमेष पिता गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अमृत छकाकर सिंह बना दिया एवं जाति पाति का भेद भाव मिटा दिया। इस तरह क्फ् अप्रैल क्म्99 को श्री केसगढ़ साहिब आनन्दपुर में दशम गुरु गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार को समाप्त किया।

Posted By: Inextlive