India के भी कई schools में skirt पर है रोक पर कई students को ये नहीं लगता है ठीक. आखिर क्‍या है स्‍कर्ट की दास्‍तान


यूके में स्कूल गोइंग गर्ल्स के स्कर्ट पर बैन लगा दिया गया है. इंडिया में भी गर्ल्स की ड्रेस को लेकर समय-समय पर बहस होती रही है। कुछ कॉलेजों में तो गर्ल्स के जीन्स पहनने पर भी बैन लगा है। कई स्कूलों ने स्कर्ट की जगह सलवार-कुर्ते को कंपलसरी कर दिया है। इसके बावजूद गर्ल्स स्कर्ट की फैन हैं। Comfort का मामलाइण्डिया के कई स्कूलों में गर्ल्स के ड्रेस कोर्ड में शर्ट और स्कर्ट शामिल हैं तो कुछ में सलवार सूट। गर्ल्स की यूनिफॉर्म में शर्ट और स्कर्ट को परफेक्ट कहने वाली प्रिंसिपल्स का मानना है कि जब वो जीन्स समेत कई वेस्टर्न ड्रेसेज को पहन सकती हैं तो स्कर्ट पर रोक लगाना गलत है। स्कर्ट प्रॉपर मेजरमेंट से बनी हो तो ये बिल्कुल ठीक है।
सलवार सूट में गल्र्स कंफर्टेबल फील नहीं करेंगी। ऐसे में उनका ध्यान पढ़ाई में कम और यूनिफॉर्म को ठीक करने में ज्यादा वेस्ट होगा। स्कूल गर्ल्स डेली लाइफ में भी सलवार सूट कम ही पहनती हैं। शर्ट और स्कर्ट एक परफेक्ट और स्मार्ट यूनिफॉर्म हैं। गर्ल्स का कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ स्मार्टनेस भी जरूरी है। क्या कहते हैं parents


इण्डिया में कई स्कूल्स ऐसे भी हैं जहां गर्ल्स की यूनिफॉर्म में सलवार सूट और स्कर्ट दोनों को शामिल किया गया है। इन स्कूलों में क्लास 7 तक की गर्ल्स की ड्रेस में स्कर्ट और क्लास 8 से 12 तक के लिए सूट कंपल्सरी हैं। इन स्कूल्स की प्रिंसिपल्स का कहना है कि को-एजुकेशन की वजह से ऐसा किया गया। स्कर्ट की लेंथ फिक्स नहीं होती थी। इस वजह से सीनियर क्लास की गर्ल्स के लिए सलवार सूट कंपल्सरी कर दिया गया है। इससे पेरेंट्स भी सहमत हैं। स्कर्ट सिर्फ यूनिफॉर्म और फैशन तक ही सीमित नहीं है। समय के साथ-साथ स्कर्ट की कई वैराइटी सामने आती रही हैं। अलग-अलग देशों में इसके अलग-अलग रूप देखने को मिलते है।वो पहला skirtआज भी आदिवासियों के जो परिधान हम देखते है उनमें भी स्कर्ट की झलक नजर आती है। इसी तरह गुफाओं पर पुराने जमाने की तस्वीरों में लोगों को स्कर्टनुमा कपड़े पहने देखा जा सकता है। कहा जा सकता है कि इंसान की शुरुआती पोशाकों में जब कुछ बेहतर बदलाव आए होंगे तो स्कर्ट का एक स्वरूप भी उनमें रहा होगा।Kilt

सोलहवीं सदी में स्कॉटिश हाइलैड्स के पुरुषों की पोशाकों जो किल्ट शामिल था वो भी स्कर्टनुमा हुआ करता था। किल्ट आज भी स्कॉटलैड की परंपरागत पोशाक का हिस्सा है। आमतौर पर ये रेड चेक्स का होता है। इसके अलावा भी से कई चेक्स का होता है। इसकी लेंथ करीब-करीब घुटने के बराबर होती है।Gho & kiraभूटान में आज भी दिन के समय पब्लिक प्लेस पर नेशनल ड्रेस कोड फॉले करना जरूरी है। पुरुष घुटनों तक लंबा एक बड़ा चोगा पहनते है जिसे बेल्ट से बांधा जाता है। इसे घो कहते हैं। महिलाएं रंग-बिरंगे ब्लाउजेस के साथ बड़े चौकोर कपड़े को इस तरह लपेटती हैं कि एंकल तक एक स्कर्ट जैसा बन जाता है।लहंगा भी तोलहंगा भी तो तरह की स्कर्ट है। इंडियन वीमेन लहंगे को काफी पसंद करती हैं। इसके डिफरेंट वर्जन्स में शरारा, लांचा जैसे लॉन्ग स्कर्टस जैसे कपड़े भी शामिल हैं। लहंगे में गोटे, सितारे और मोती समेत कई महंगी चीजों से सजाया जाता है। इस वजह से लहंगे की कीमत ज्यादा होती है। लहंगा भारी होता है।

Posted By: Inextlive