छोटे उद्योगों को पटरी पर लाएगा 'बंधन बैंक', क्या है उद्देश्य कहां खुली हैं ब्रांच?
क्या है उद्देश्य
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मौके पर यह भी बताया कि, बंधन बैंक लाखों छोटे और मध्यम उद्यमियों को फाइनेंसली सपोर्ट करेगा। इसके अलावा बैंक खुलते ही इससे रोजगार सृजित होगा, जिससे देश में बेरोजगारी में कमी आएगी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी गरीबी की समस्या का समाधान निकालना भी बंधन बैंक का उद्देश्य है। आपको बता दें कि, इस कंपनी ने पहले माइक्रो फाइनेंस के तौर पर अपना कामकाग शुरु किया था लेकिन धीरे-धीरे यह इतना बड़ा हो जाएगा किसी ने न सोचा था। इसके अलावा RBI ने इस साल जून में ही इसे कॉमर्शियल बैंकिंग ऑपरेशन शुरु करने की परमीशन दी थी।
लोन देना कितना जरूरी
अरुण जेटली ने कहा कि, किसी भी बिजनेस में लोन का रोल अहम होता है। ऐसे में बंधन बैंक की पहली प्राथमिकता छोटे और मध्यम उद्योगों को लोन देने की होगी। देश और राज्य की सेवा के क्षेत्र में यह एक उल्लेखनीय कदम है, जिसका असर देश के विकास पर भी होगा। दरअसल असंगठित क्षेत्र के यह छोटे उद्योग भारतीय इकोनॉमी की रीढ़ हैं, अगर इनका विकास हो गया तो देश काफी तरक्की कर सकता है। वहीं जेटली ने यह भी बताया कि, अगर बंधन बैंक की तरह निजी क्षेत्र की पहल जमीनी स्तर पर वित्त पोषण के प्रयास में शामिल होती है, तब छोटे उद्यमी अपने पैर पर खड़े हो सकते हैं।
कहां कितनी हैं ब्रांन्च
बंधन बैंक की सबसे ज्यादा ब्रांच वेस्ट बंगाल में ही हैं, यहां कुल 220 शाखाएं हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में 20-20, बिहार में 67, महाराष्ट्र में 21, असम में 60 और झारखंड में 15 शाखाएं हैं। वहीं बताया यह भी जा रहा कि, 2015-16 के अंत तक बंधन बैंक का देश के 27 राज्यों में 632 ब्रांचेज और 250 एटीएम खोलने का टारगेट है। बैंक का कहना है, उसकी 71 परसेंट ब्रांच ग्रामीण भारत में होंगी, जहां बैकों की सुविधाएं नहीं हैं।