-इलाहाबाद बैंक माल रोड पर मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, नारेबाजी

- तीन दिन के अवकाश व मंगलवार की हड़ताल से परेशान हुए लोग

Meerut : बैंकों में मंगलवार को हड़ताल के चलते ताले लटके रहे। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर 11 सूत्रीय मांगों के लेकर बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। इलाहाबाद बैंक के माल रोड स्थित आंचलिक कार्यालय पर बैंक कर्मी एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा कि किसी भी सूरत में उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चार दिन बैंक बंद

बैंकों में लगातार तीन दिन अवकाश से बड़ी मात्रा में लेन-देन प्रभावित रहा। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के कारण अवकाश रहा। वहीं चतुर्थ शनिवार होने के कारण अगले दिन फिर बैंक बंद रहे। जबकि अगले दिन रविवार का अवकाश था। सोमवार को तीन दिन की छुट्टी के बाद बैंक खुले तो भारी भीड़ उमड़ी। जबकि मंगलवार को हड़ताल के चलते यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले पीएनबी ईके रोड पर बैंक अफसर व कर्मियों ने प्रदर्शन कर मांगें गिनायीं।

बैकों पर लटके रहे ताले

मंगलवार को बैंकों की हड़ताल के चलते तमाम शाखाओं पर ताले लटके रहे। सुबह माल रोड स्थित इलाहाबाद बैंक के आंचलिक कार्यालय पर बैंक अफसर व कर्मचारी एकत्र हुए। केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान राणा प्रताप सिंह, एसके शर्मा, पंकज शर्मा, मुकेश अग्रवाल, अरविंद त्रिपाठी, धर्मवीर सिंह, गौरव कुमार, सतीश नागर, सुशील कुमार, प्रशांत शर्मा, पीएम गौतम, ओमवीर सिंह, ललित कुमार, महिपाल शर्मा, केके अग्रवाल, इंद्रपाल सिंह, करतार सिंह, कीर्ति दुग्गल, महेंद्र पाल, धर्मवीर सिंह, अरविंद त्रिपाठी आदि प्रदर्शन में मौजूद रहे।

ये थी मांगें

कर्मचारियों व अफसरों को विमुद्रीकरण कार्य के दौरान अतिरिक्त घंटों में किए गए कार्य की न्यायसंगत प्रतिपूर्ति। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अंतर्गत उपदान की सीमा को हटाया जाना तथा उपदान और अवकाश नकदीकरण के सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयकर से पूरी छूट, कर्मकार व अधिकारी निदेशकों की सभी बैंकों में तुरंत नियुक्ति, बैंक कर्मचारियों के लिए अगले वेतन पुनरीक्षण प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ किया जाना, केंद्रीय सरकार की योजना के अनुरूप अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति योजना को लागू करने आदि के बारे में बताया।

पब्लिक रही परेशान

बैंकों की आए दिन बंद रहने लगे हैं। कभी छुट्टी तो कभी इनका सर्वर डाउन हो जाता है, जिस कारण आम जनता को परेशानी होती है। कम से कम बैंकों को आम जनता की परेशानी को समझना चाहिए।

-पुनीत राजपूत

तीन दिन पहले बैंक बंद रहे एक दिन खोलने के बाद अब हड़ताल कर बैंक बंद कर दिया। एटीएम भी अभी ठीक से शुरू नहीं हुए। बैंक बंद करना है तो करें। एटीएम तो चालू कर दें। जिससे लोग पैसा निकाल सकें।

-धर्मपाल

बीते पांच दिन से पैसों की जरूरत है। तीन दिन पहले बैंक बंद थे। चौथे दिन गया तो सर्वर डाउन था। इसीलिए पैसे नहीं दिए। एटीएम पहुंचा तो एटीएम में पैसे नहीं थे। पैसों के लिए बहुत परेशानी हो रही है। एटीएम तो शुरू कर देने चाहिए अब।

-धमेंद्र

नोटबंदी के बाद से बैंकों की हालात सुधर नहीं रही है। इसमें सबसे ज्यादा परेशान आम आदमी को हो रही है। लोग अपने ही पैसे निकालने के लिए भटक रहे हैं। सरकार को जनता को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।

-पुष्पराज

Posted By: Inextlive