बाबरी मसजिद और तीन तलाक जैसे मामले में विवादास्‍पद बयान देकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल को सोशल मीडिया पर कई बार ट्रोल होना पड़ा। सिब्‍बल राज्‍यसभा सांसद होने के साथ-साथ इन दोनों मामलों में वकील भी हैं। लेकिन अब ऐसे दिग्‍गज नेताओं की वकालत खतरे में है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने करीब 500 नेताओं को नोटिस भेजा है। जनप्रतिनिधियों के वकालत करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी लंबित है।


बार काउंसिल ने पूछा, जनप्रतिनिधि तो वकालत क्योंबार काउंसिल ने सिर्फ उन्हीं नेताओं को नोटिस भेजा है जो किसी संवैधानिक पद पर आसीन हैं और अपनी वकालत की प्रैक्टिस भी जारी रखे हैं। नोटिस में बार काउंसिल ने उन नेताओं से पूछा है कि क्यों न आपकी वकालत बंद कर दी जाए। भाजपा के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वकालत और नेतागिरी साथ-साथ करने को गंभीर बताया। संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के अनुसार सांसदों और विधायकों का वकालत प्रैक्टिस करना संवैधानिक नियमों का उलंघन है। आइए जानते हैं कपिल सिब्बल के अलावा किन 4 दिग्गज नेताओं को नोटिस मिला।

केटीएस तुलसी


कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने केटीएस तुलसी को राज्यसभा में नामित करके भेजा था। वे राज्यसभा में सांसद हैं और सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी करते हैं। उन्होंने अपनी वकालत पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से शुरू की थी। ये भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं। इन्होंने कई मौकों पर सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार को रिप्रेजेंट किया है। ये सोहराबुद्दीन मामले, पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड, रॉबर्ट वाड्रा, उपहार सिनेमा अग्निकांड सहित कई मामलों में वकील रह चुके हैं।

पी चिदंबरम

इस समय कांग्रेस नेता पी चिदंबरम महाराष्ट्र से राज्यसभा में सांसद होने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में वकील भी हैं। चिदंबरम तीन बार कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार में वित्तमंत्री और गृहमंत्री रह चुके हैं। इन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटि से अपनी वकालत पूरी की। मद्रास हाईकोर्ट ने इन्होंने अपनी वकालत शुरू की थी। अब ये सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं।कपिल सिब्बल
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। फिलहाल ये बाबरी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। इन्होंने तीन तलाक की भी सुप्रीम कोर्ट पैरवी की थी। कांग्रेस के शासनकाल में तीन बार वित्तमंत्री रह चुके हैं। ये अपने अनाप-शनाप बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। तीन तलाक मसले को लेकर इन्होंने कोर्ट में कहा था कि महिलाओं की बुद्धि कम होती है। इस पर इन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल होना पड़ा था। इसका मुसलिम महिलाओं ने जमकर आलोचना की थी। गुजरात चुनाव के ऐन पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बाबरी मसजिद मामले को टालने की सिफारिश की थी ताकि इस मामले को बीजेपी गुजरात चुनाव में न भुना सके। इस बात को लेकर उनकी सोशल मीडिया और मीडिया सहित बीजेपी ने खूब आलोचना की।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari