बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने आम सभा में लिया फैसला

21 अप्रैल को प्रतियां फूंकने के बाद दो मई को सड़क पर प्रदर्शन

ALLAHABAD: एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2017 का व्यापक विरोध शुरू हो गया है। रविवार को एक आम सभा के माध्यम से प्रदेश के सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व मंत्रियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बिल के उग्र विरोध की रूपरेखा तय की। इस दौरान प्रदेश भर से आए अधिवक्ताओं ने अपने अपने तरीके से स्पीच के माध्यम से विरोध प्रकट किया।

लापरवाही करने वाले वकील का लाइसेंस निरस्त करने का है प्राविद्यान

बता दें कि नये बिल में मुकदमे में लापरवाही बरतने वाले वकीलों के खिलाफ वादकारी को मुआवजे के लिए मुकदमा करने तथा कोर्ट को वकील का लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार दिया जा रहा है। इसे बार काउंसिल की स्वायत्ता के खिलाफ माना जा रहा है। रविवार को आयोजित हुई इस आम सभा में यह तय हुआ कि 21 अप्रैल को सूबे के समस्त बार एसोसिएशन अपने अपने न्यायालय परिसर में बिल की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शित करें तथा जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके अलावा इस दिन न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। यदि एक मई तक बिल वापस नहीं लिया जाता है तो दो मई को प्रत्येक राज्य बार काउंसिल के सदस्य व अन्य अधिवक्ता दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सामने उपस्थित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगें। प्रदर्शन जुलूस पटियाला हाउस कोर्ट से राजघाट तक जाएगा। सभी जिले के अधिवक्ता अपने जिले के सांसद से मिलकर उनसे एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2017 को संसद में पास न करने के लिए आग्रह करेंगे।

कुलभूषण जाधव के लिये एक दिन काम नहीं करेंगे वकील

पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के विरोध में वकीलों की संस्था प्रदेश बार काउंसिल ने 17 अप्रैल को सूबे के समस्त वकीलों से न्यायिक कार्य से विरत रहने को कहा है। प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह की ओर से जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के अधिकारी को फांसी की सजा सुनाए जाने का विरोध पूरे विश्व में हो रहा है। बार काउंसिल ने प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं से अपील की है कि 17 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी चर्चा करके फांसी की सजा का विरोध करते हुए उन्हें भारत लाने का मार्ग प्रशस्त करें।

Posted By: Inextlive