नगर निगम डेयरीज से निकलने वाले गोबर से तैयार करेगा वर्मी कंपोस्ट

मेयर-नगर आयुक्त ने आईवीआरआई पहुंचकर वर्मी कंपोस्ट प्रोसेस देखी

BAREILLY: शहर के लिए नासूर बन चुकी लाइलाज डेयरीज का इलाज इनसे निकलने वाले गोबर से ही होगा। डेयरीज से निकलने वाले गोबर से चोक हो जाने वाली शहर की सीवर लाइन और नालों को बचाने के लिए नगर निगम एक कारगर पहल करने की तैयारी में है। नगर निगम डेयरीज से निकलने वाले टनों गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इस तरह तैयार वर्मी कंपोस्ट से न सिर्फ गोबर से निजात मिलेगी। बल्कि इसे बेचकर निगम कमाई कर रेवेन्यू भी बढ़ा सकता है।

5 रुपए प्रति किलाे कंपोस्ट

थर्सडे को मेयर डॉ। आईएस तोमर व नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव समेत नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अशोक कुमार व पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा आईवीआरआई पहुंचे। आईवीआरआई में गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रोसेस मेयर व नगर आयुक्त ने देखी। आईवीआरआई के डॉ। रणविजय सिंह ने बताया कि इस विधि में गोबर में केंचुए डालकर कंपोस्ट तैयार की जाती है। जिसे आईवीआरआई 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों के बेचता है। वहीं करीब 100 किलो गोबर से 35 किलो वर्मी कंपोस्ट तैयार होती है।

रोजगार के खुलेंगे रास्ते

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि शहर से करीब एक हजार गाय-भैंस हैं। हर गाय व भैंस रोजाना करीब 20-25 किलो गोबर देती है। इस तरह शहर में रोजाना करीब 2 टन गोबर पैदा होता है, जो नालियों, नालों और सीवर लाइन में ही बहा दिया जाता है। रोजाना 2 टन गोबर से करीब 700 किलो वर्मी कंपोस्ट तैयार हो सकती है। वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए निगम इसी फील्ड की एक्सपर्ट एनजीओ से करार करेगा। वहीं वर्मी कंपोस्ट तैयार करने में कई बेरोजगारों को नौकरी भी मिलेगी।

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आईवीआरआई में गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रोसेस बेहद कारगर है। नगर निगम शहर के गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की दिशा में बढ़ रहा है। इसके लिए एनजीओ से मदद ली जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

Posted By: Inextlive