-यूजीसी ने पीएचडी करने के लिए अतिरिक्त समय देने की घोषणा

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यूजीसी ने महिला और दिव्यांग शोधार्थी के लिए पीएचडी कंप्लीट करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब महिला शोधार्थी जहां आठ तो दिव्यांग सात वर्ष में पीएचडी कंप्लीट कर सकेंगे। गौरतलब है कि महिलाओ शोधार्थी के मातृत्व अवकाश को भी यूजीसी ने 180 दिन से बढ़ाकर 240 दिन कर दिया गया है। इसके अलावा यूजीसी ने एमफिल कंप्लीट करने की भी समय सीमा बढ़ाई है।

महिला शोधार्थी कर रही थी मांग

जिले में मौजूदा समय में 300 शोधार्थी विभिन्न विषयों पर पीएचडी कर रहे हैं। इनमें से 230 जेन्ट्स, 50 महिलाएं और 20 दिव्यांग हैं। मालूम हो कि महिला शोधार्थी काफी लम्बे अरसे से शोध की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रही थीं। छात्राओं की समस्याओं को समझते हुए यूजीसी ने 12 अप्रैल को शोध की समय सीमा बढ़ाने का पत्र जारी किया। उसने छात्राओं को शोध करने के लिए दो वर्ष का वक्त बढ़ाया है। यूजीसी के इस कदम के बाद छात्राएं आठ साल में पीएचडी पूरा कर सकेंगी। इसके साथ ही पीएचडी के दौरान वह 240 दिन का मातृत्व अवकाश ले सकेंगी। अभी तक उन्हें 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता था। वहीं दिव्यांग शोधार्थी अब छह वर्ष की बजाय सात वर्ष में पीएचडी कंप्लीट कर सकेंगे। इसके अलावा दिव्यांग और महिला शोधार्थी अब एमफिल एक साल की जगह दो साल में कर सकेंगे।

फॉर योर इंफॉर्मेशन

जिले में 300 शोधार्थी

230 हैं पुरुष शोधार्थी

50 है महिला शोधार्थी

20 हैं दिव्यांग शोधार्थी

यूजीसी ने छात्राओं और दिव्यांगों की पीएचडी का समय बढ़ा दिया है। महिला शोधार्थी आठ और दिव्यांग सात साल में पीएचडी कंप्लीट कर सकेंगी।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार

Posted By: Inextlive