- स्टिंग के सामने आने के बाद राजनैतिक गलियारों में गर्म रही चर्चा

- माले ने कहा-जिन नेताओं के नाम आए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाए

- सांसद पप्पू ने कहा, आयोग की सिफारिशों को सामने लाने के लिए होगा आंदोलन

PATNA: रणवीर सेना के संरक्षक माने जाने वाले बरमेश्वर मुखिया की हत्या के बाद वर्तमान में केंद्र में मंत्री और बिहार भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा था कि आज देश के दूसरे गांधी की हत्या हुई है। एक बार फिर बरमेश्वर मुखिया का नाम बिहार में हुए नरसंहारों के मास्टर माइंड के रूप में सामने आया है। एक निजी वेबसाइट ने बिहार में क्99ब् से ख्000 के बीच हुए छह नरसंहारों पर स्टिंग किया। यह स्टिंग ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा है। इस स्टिंग में बिहार भाजपा समेत देश के भी कुछ अन्य बड़े नेताओं का नाम भी सामने आया है। चुनावी माहौल में आए इस स्टिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इस हमाम में सब नंगे हैं।

नरसंहारों के मास्टर माइंड

स्टिंग में इस बात का खुलासा हुआ है कि तमाम नरसंहारों की योजना बरमेश्वर मुखिया ही बनाया करते थे। यही नरसंहारों के मास्टर माइंड थे। स्टिंग में रणवीर सेना के छह कमांडर इस बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि किस तरह उन्होंने बथानी टोला, लक्षमणपुर बांथे, शंकरबीघा, मियांपुर, एकबारी और सरथुआ के नरसंहारों को अंजाम दिया है। इन छह नरसंहारों में कुल क्77 लोगों की जाने गयी थीं। इसमें स्त्री, पुरुष और बच्चे भी थे। इन छह नरसंहारों के मुख्य आरोपी चंद्रेश्वर, प्रमोद सिंह, भोला सिंह, अरविंद कुमार सिंह, सिद्धनाथ सिंह और रविंद्र चौधरी ने यह स्वीकार किया कि उनलोगों ने इन नरसंहारों को अंजाम दिया है। उनके इन कारनामों पर फिल्म बनेगी यह जानकर उन्होंने स्टिंग में पूरी डिटेल से बताया कि किस तरह रणवीर सेना के लोगों ने नरसंहारों को अंजाम दिया और यहां तक कि प्रेगनेंट औरतों तक को नहीं छोड़ा।

स्वीकारा कि संरक्षण प्राप्त था

बिहार में नरसंहारों का सिलसिला क्990 से ही शुरू हो गया था, लेकिन क्99भ् से शुरू हुए नरसंहारों में रणवीर सेना का नाम आने लगा। रणवीर सेना को संरक्षण देने वाले स्टेट के कई नेताओं का नाम इस स्टिंग में सामने आया है। स्टेट ही नहीं, कई केंद्रीय नेताओं के बारे में भी आरोपियों ने स्वीकारा है कि उनके संरक्षण हमें प्राप्त थे। इस स्टिंग में भाजपा, जदयू और वर्तमान में रालोसपा के एक सांसद का भी नाम सामने आ रहा है। रणवीर सेना के कमांडरों ने स्वीकारा है कि उन्हें भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, सुशील मोदी, सीपी ठाकुर, शिवानंद तिवारी और सांसद अरुण सिंह के संरक्षण प्राप्त थे। इन कमांडरों ने यह स्वीकार किया है कि इन नेताओं ने कई बार पुलिस की गिरफ्त में आने से इन्हें बचाया और आर्थिक मदद भी की।

तो हो जाता पचास नरसंहार

रणवीर सेना के कमांडरों ने इस बात का खुलासा किया कि उन्हें सेना के रिटायर जवानों से ट्रेनिंग दिलवाई जाती थी, साथ वैसे लोग जो सेना में पोस्टेड थे और छुट्टियों में घर आते थे वे भी रणवीर सेना के लोगों को ट्रेन करते थे। आश्चर्य की बात तो ये है कि इन लोगों ने इस बात का खुलासा किया कि इनके पास सेना में बेकार पड़े हथियार सप्लाई होते थे। कमांडरों ने स्वीकार किया कि इनके पास तमाम मॉडर्न हथियार जैसे एके ब्7, एलएमजी, सेमी ऑटोमेटिक, एसएलआर सहित कई अन्य हथियार थे। यह बात भी बताई कि आज भी इनके पास ये सारे हथियार सुरक्षित हैं। कमांडरों ने स्वीकार किया कि सेना की योजना एक साथ कई गांवों में पचास से अधिक नरसंहार की योजना थी।

छह नरसंहारों में मारे गए थे क्77 लोग

जिन छह नरसंहारों का जिक्र स्टिंग में हुआ, उसमें कुल क्77 लोग मारे गए थे। रणवीर सेना का कमांडर भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के एकबारी गांव में हुए नरसंहार का भी जुर्म इकबाल करता है। यह नरसंहार क्997 के अप्रैल महीने में हुआ था, जिसमें 9 लोग मारे गए थे। एकबारी में इससे पहले भी क्99फ् में नरसंहार हुआ था जिसे किसान संघ ने अंजाम दिया था और उसमें चार लोग मारे गए थे। वहीं क्99भ् में भोजपुर जिले के ही सरथुआ में हुए नरसंहार में म् लोग मारे गए थे। इस नरसंहार में भी रणवीर सेना के ही लोग थे। इस बात को स्टिंग में स्वीकारा भी गया है। इसी तरह भोजपुर जिले के ही बथानी में क्99म् में नरसंहार हुआ, जिसमें ख्क् लोग मारे गए थे। जहानाबाद के बांथे में क्997 में नरसंहार को अंजाम दिया गया, जिसमें भ्9 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था। जहानाबाद के ही शंकर बिगहा में क्999 में हुए नरसंहार में ख्फ् लोग मारे गए और औरंगाबाद जिले के मियांपुर में ख्000 में नरसंहार हुआ और उसमें फ्फ् लोगों को मारा गया।

आयोग के भंग करने पर भी उठे सवाल

क्997 के दिसंबर में हुए लक्षमणपुर बांथे नरसंहार के बाद तत्कालीन राजद सरकार ने हुए नरसंहारों की जांच के लिए क्998 में आयोग का गठन किया। जस्टिस अमीर दास की अध्यक्षता में गठित आयोग ने कई सालों तक काम किया। नीतीश सरकार ख्00भ् में सत्ता में आई और आयोग को ख्00म् में भंग किया गया। सीपीआईएमएल के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अमीर दास की रिपोर्ट में तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत कई भाजपा नेताओं का नाम आ रहा था इस कारण से नीतीश ने आयोग को रिपोर्ट सौंपने से पहले ही भंग कर दिया। वहीं जनअधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव ने कहा कि रणवीर सेना को राजद और जदयू का संरक्षण प्राप्त था। पप्पू ने कहा कि दोषियों को सजा देने के बजाया नीतीश ने समय से पहले ही आयोग को भंग कर दिया।

स्टिंग से अमीरदास आयोग की रिपोर्ट की पुष्टि हुई है। नरसंहार के दोषियों को नीतीश ने बचाया है। नीतीश और लालू दोनों ने बिहार के गरीबों को धोखा दिया है। गरीबों से अन्याय के मामले में जेडीयू और बीजेपी दोनों का डीएनए एक है। हमारी पार्टी की मांग है कि दोषी नेताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए

- कुणाल, राज्य सचिव, माले।

Posted By: Inextlive