सर्दियों में अब पांडुकेश्‍वर बद्रीनाथ ऊखीमठ केदारनाथ मुखबा गंगोत्री और खरसाली तक यात्रा होगी. गौरतलब है कि ऋषिकेश से पांडुकेश्वर की दूरी 274 किलोमीटर है. यहा जनवरी और फरवरी में भारी बर्फ रहती है. यहां से गोविंद घाट तक इतने होटल हैं जिनमें पांच हजार यात्री ठहर सकते हैं. वहीं भक्‍तों ने अभी से यह कयास लगाने शुरू कर दिए हैं कि अगर मौसम का ठीक-ठीक साथ मिला तो कर्णप्रयाग चमोली नंदप्रयाग पीपलकोठी जोशीमठ जैसे पड़ावों में भी रौनक लौटेगी.

जानकारी यात्रा की
जानकारी है कि केदारनाथ से सोमवार को डोली ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच चुकी है. बताया जा रहा है कि इस बार शीतकाल की यात्रा यहीं तक होगी. भगवान केदार के दर्शन यहीं होंगे. वहीं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने केदारनाथ को बेस कैंप बनाकर आसपास की चोटियों में ट्रैकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का खाका तैयार कर लिया है. गौरतलब है कि इसका मकसद सर्दियों में केदारघाटी के इस केदारपुरी इलाके में पर्यटकों की रौनक लौटाना है.  
27 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ कपाट
उत्तराखंड सरकार ने भी शीतकाल में चारधाम यात्रा को जारी रखने की घोषणा कर दी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है कि तीन धामों के कपाट बंद होने के बावजूद प्रवास स्थल तक यात्रा जारी रहेगी. बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद पांडुकेश्वर में इनकी पूजा होगी, लेकिन बाबा केदार के कपाट बंद होने से तीर्थयात्री सिर्फ इस घाटी में ओंकारेश्वर मंदिर तक जा सकेंगे.  
मौसम का भी है डर  
कड़ाके की ठंड से बद्री और केदार घाटियों में बर्फ की चादर बिछनी शुरू हो गई है. इसके चलते सड़कें फिसलन भरी हो गईं हैं और उनपर चलना बेहद खतरनाक है. यमुनोत्री की डोली उत्तरकाशी की यमुनाघाटी में खरसाली गांव और गंगोत्री की डोली गंगा घाटी के मुखबा में स्थापित की जा चुकी है. इसके बावजूद पहली बार शुरू हो रही शीतकालीन यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं और व्यापारियों में खास उत्साह है. इसके साथ ही उन्हें 2011 की आपदा की यादें भी सता रही हैं. आगे सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो संबंधित जिले के अधिकारियों ने शासन को इंतजाम के लिए सूची सौंप दी है. अब सिर्फ शासन की स्वीकृति का इंतजार है.
फिल्म बनेगी हिमालयी आपदा पर
केदारनाथ में बीते साल आई आफत पर अब फिल्म भी बनेगी. मसूरी के एक्टर विक्टर बैनर्जी को इसमें मुख्य किरदार में लेकर यूरोपीय फिल्म डायरेक्टर गोरान पास्कल जेविक ने इस आपदा पर फिल्म बनाने का फैसला लिया है. जानकारी है कि इस फिल्म का नाम होगा देवभूमि. गोवा फिल्म फेस्टिवल में भी गोयन पास्कल जेविक विक्टर बैनर्जी के साथ जूरी में थे. तभी विक्टर बैनर्जी ने उन्हें मसूरी आने का आमंत्रण दिया था. फिल्म की पटकथा गोरान और विक्टर दोनों ने मिलकर तैयार की है. इसकी शूटिंग अगले साल मार्च में शुरू होनी है. विक्टर बैनर्जी ने बताया कि इस फिल्म की कहानी ऐसे व्यक्ति पर केंद्रित होगी जो कि लंदन से तीन दशक बाद उत्तराखंड स्थित मूल गांव लौटता है. यहां आने पर उसे बाढ़ की त्रासदी का जो अनुभव मिलता है, उसी को फिल्म का मुख्य केन्द्र बनाया गया है. फिल्म में संगीत बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया का होगा. सर्बिया निवासी गोरान अब तक 30 डॉक्युमेंटरी, 16 फीचर फिल्म बना चुके हैं.

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Posted By: Ruchi D Sharma