- अल्कोहल जनित होमियोपैथिक औषधियों की 30 एमएल से ज्यादा पै¨कग वर्जित

- होमियोपैथिक औषधालय व क्लीनिक में सौ एमएल तक ही हो सकेगी पै¨कग

PATNA/ HAZIPUR : सूबे में पूर्ण शराबबंदी को लागू करने के लिए सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक हर स्तर पर प्रयास कर रही है। सरकार ने जहां देशी-विदेशी शराब के साथ-साथ ताड़ी की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। वहीं पूर्ण शराबबंदी के बाद नशे के रूप में इस्तेमाल की जा सकने वाली दवाओं को लेकर भी नई नियमावली जारी की है। इस नई नियमावली से होमियोपैथिक चिकित्सक व दुकानदार भी खासे परेशान हैं।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने शराबबंदी को सफल बनाने के उद्देश्य से अल्कोहल जनित होमियोपैथिक औषधियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए ड्रग एवं कॉस्मेटिक नियमावली, क्9ब्भ् के नियम क्0म् बी के पूर्णत: अनुपालक का निर्देश दिया है। इस नियम के तहत क्ख् प्रतिशत वीवी से ज्यादा अल्कोहल जनित होमियोपैथिक औषधियों का फ्0 एमएल से ज्यादा पै¨कग करना तथा पै¨कग कर बेचना पूर्णत: निषेध है। होमियोपैथिक औषधालय व मान्यता प्राप्त क्लीनिक में उपयोग के सौ एमएल की मात्रा तक ही पै¨कग कर सकते हैं। इससे संबंधित आदेश की प्रतिलिपि सभी संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों व अधिकारियों के अलावा बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ के अध्यक्ष, सचिव व निर्माताओं को भी भेजी गयी है। यह आदेश बीते ख्7 मार्च से ही पूरे बिहार में प्रभावी बनाई गई है।

खुदरा दुकानों में आक्सीटोसीन की बिक्री पर भी रोक

सूबे में आक्सीटोसीन दवाओं की खुदरा दुकानों में बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह दवा अब पशुपालकों को मवेशी अस्पतालों से चिकित्सक के परामर्श के बाद ही मिल सकेगी। इस दवा का प्रयोग आमतौर पर चिकित्सक मवेशियों के प्रसव के दौरान करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में दुधारू पशुओं व सब्जियों में इस दवा के दुरुपयोग की शिकायत मिलने पर यह फैसला लिया गया है।

बिना डॉक्टर के पूर्जा के नहीं मिलेंगी कई दवाएं

औषधि नियंत्रण प्रशासन स्वास्थ्य विभाग ने बीते क्7 फरवरी को ही बिना डॉक्टर के पूर्जा के कई दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। इन दवाओं का नशे के रूप में इस्तेमाल करने की शिकायत व संभावना के मद्देनजर यह आदेश जारी की गई है। अब बिना डॉक्टर के परामर्श व उनके पूर्जा के अलप्राजोलम, कालमपोज, वेलियम, डाइजेपाम, एटीवान, केटामाइन आदि दवाओं की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। डॉक्टर के परामर्श के बाद इनकी बिक्री करने वाले खुदरा दुकानदार प्रिस्क्रीपशन रजिस्टर भी मेंटेंन करेंगे। ताकि इनका दुरूपयोग रोका जा सके। यह जानकारी अनुज्ञापन प्राधिकारी औषधि नियंत्रण प्रशासन वैशाली टीपी गुप्ता ने दी।

Posted By: Inextlive