- पहली बार क्यू-आर कोड के साथ मिलेगी किताबें

- मोबाइल- लैपटॉप से कनेक्ट कर पढ़ा सकेंगे शिक्षक

Meerut। डिजिटल होते इंडिया के साथ ही अब बेसिक प्राइमरी स्कूलों की क्लासेज भी डिजिटल हो जाएंगी। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पिछड़े स्तर को देखते हुए इस बार विभाग ने डिजिटल बुक्स छपवाई हैं। इसी सत्र से कक्षा एक से आठ तक के बच्चे इन्हीं किताबों से पढ़ेंगे।

क्लास रूम हाेगा रोचक

बेसिक प्राइमरी स्कूलों से दूर भागते बच्चों को एजुकेशन से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने खास पहल की है। इसके जरिए विभाग ने क्लास रूम को रोचक, लाइव बनाने के लिए किताबों में क्यू आर कोड दर्ज कराया है। हर लेसन के लिए अलग से स्पेशल क्यूआर कोड होगा। संबंधित सामग्री को इस कोड के जरिए मोबाइल फोन या लैपटॉप से स्कैन किया जा सकता है। जिससे बच्चे लाइव उस विषय को पढ़ सकेंगे।

देख सुनकर कुशल हाेंगे बच्चे

पहली से आठवीं की किताबों में छपी सामग्री को डिजिटली ऑडियो, वीडियो, ग्राफिक्स, कार्टून आदि फार्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग का मानना है कि बच्चे लिखने-पढ़ने में कमजोर होते हैं लेकिन अगर लाइव देख-सुनकर पढ़ाई करेंगे तो उन्हें सिलेबस याद रहेगा और उनकी कुशलता बढ़ेगी। टीचर्स के अलावा पेरेंट्स भी इस डिजिटल सामग्री को अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकेंगे ताकि घर पर भी बच्चों का विकास हो। क्यू आर कोड को स्कैन करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग एक ऐप भी तैयार करवा रहा है.इसे जल्द ही लांच भी कर दिया जाएगा।

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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का स्तर सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की यह अच्छी पहल साबित होगी। इससे स्टूडेंट्स में पढ़ाई के प्रति रूचि बनेगी और उनकी कुशलता भी बढ़ेगी।

सतेंद्र कुमार ढाका, बीएसए, मेरठ।

सरकारी स्कूलों में बहुत सी योजनाएं आती हैं लेकिन सही से लागू नहीं होती हैं। उम्मीद है कि यह योजना बेहतर साबित हो।

नीरज सूद

बच्चों के लिए यह अच्छी पहल है। इससे बच्चों का पढ़ाई मन लगेगा और सरकारी स्कूलों का स्तर भी सुधरेगा।

शैली

Posted By: Inextlive