-बेसिक स्कूल्स में सोलह मार्च से शुरू होंगे एग्जाम

-बच्चों का नहीं हुआ है कोर्स पूरा, असमंजस में शिक्षक

आगरा। परिषदीय स्कूलों में आधे-अधूरे कोर्स से एग्जाम कराने की तैयारी की जा रही है। परीक्षा का फरमान जारी होने से शिक्षक असमंजस में हैं। बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के बाद ही परिषदीय स्कूलों में एग्जाम की तिथि घोषित कर दी गई है। बेसिक स्कूल्स में 16 मार्च से एग्जाम शुरू हो रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए आनन-फानन में आधे-अधूरे कोर्स को एग्जाम से पहले पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी गई हैं।

वर्ष भर अन्य गतिविधियों में लगे रहे शिक्षक

बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को शैक्षिक कार्य के अतिरिक्त दूसरी गतिविधियों में नहीं लगाने के आदेश न्यायालय द्वारा जारी किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी वर्षभर अन्य गतिविधियों में शिक्षक लगे रहे। परिषदीय शिक्षकों को हॉउस होल्ड सर्वे, शारदा योजना के अंतर्गत बच्चों की संख्या को बढ़ाने के साथ बीएलओ ड्यटी में लगाया गया। इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसके अलावा एमडीएम, ड्रैस वितरण सहित अधिकतर शिक्षकों को दूसरे कार्यो में व्यस्त रखा गया।

स्कूल्स में देरी से पहुंची बुक्स

परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए बुक्स की फ्री व्यवस्था की गई है। नियम है कि सेशन शुरू होने से स्कूल्स में स्टूडेंट्स को बुक्स मुहैया कराई जाए। लेकिन इस सत्र में तीन महीने की देरी के बाद स्कूलों में आधी-अधूरी बुक्स भेजी गई। इस संबंध में स्कूल प्रधानाध्यापकों ने अधिकारियों से कई बार बुक्स के लिए संपर्क किया, लेकिन वह उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते रहे। किताबों के अभाव में बच्चों की आधी-अधूरी ही तैयारी हुई।

शिक्षामित्रों का रहा आंदोलन

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षामित्रों को शैक्षिक कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुछ एक ऐसे स्कूल भी हैं, जहां शिक्षामित्र पर ही चार्ज है। शिक्षामित्रों का समायोजन समाप्त होने से उन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया था, जिसके चलते काफी समय तक अधिकतर स्कूलों में ताले लटके रहे। इसके चलते शैक्षिक कार्य प्रभावित रहा।

न्यायालय आदेश के बाद भी शिक्षकों को शैक्षिक कार्य के अलावा दूसरे कार्यो में लगाया जाता है, जिससे स्कूल में स्टूडेंट्स का कोर्स प्रभावित होता है। भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं है।

मुकेश डागोर, अध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

अधिकारी शैक्षिक कार्य में गुणवत्ता की बात करते हैं, जबकि क्लास में कोर्स और शिक्षकों की समस्याओं को अनदेखा किया जाता है। ब्लॉक स्तर पर उगाही का खेल जोरों पर है।

सतेद्र चाहर, शिक्षक

शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षाओं की घोषणा कर दी गई है। लेकिन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

राजीव शर्मा, शिक्षक

स्कूलों में प्रधानाध्यापकों को कोर्स पूरा कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। परीक्षा संबंधी सभी अव्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है।

अनंद प्रकाश शर्मा, बीएसए

Posted By: Inextlive