अब इम्प्लॉई नहीं सीधे इम्प्लॉयर बनिए
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KANPUR : अगर आप भी खुद का बिजनेस सेट-अप करके एंटरप्रेन्योर बनना चाहते हैं। जॉब सीकर के बजाय इम्प्लॉयर बनकर ढेर सारी जॉब ऑप्र्चुयिनिटी क्रिएट करके दूसरों को जॉब देने की ख्वाहिश रखते हैं तो आपके लिए माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के वोकेशनल कोर्सेज बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। कालपी रोड स्थित एमएसएमई कैम्पस में यह सभी कोर्सेज मिड जून से स्टार्ट हो रहे हैं। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स अभी से क्वेरी करने के लिए एमएसएमई ऑफिस पहुंच रहे हैं। फीस न के बराबरएमएसएमई से कोर्स करने में फीस लगभग न के बराबर चार्ज की जाती है। एससी-एसटी की फीस माफ है। जनरल-ओबीसी-माइनॉरिटी को भी महज 100 रुपए फीस देनी होती है। आपको बता दें कि इन्हीं कोर्सेज के लिए आपको प्राइवेट इंस्टीट्यूट में हजारों रूपए देने पड़ते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2014-15 के लिए कोर्सेज 15 जून के आसपास शुरू होने वाले हैं। सेलेक्शन और एडमिशन प्रॉसेस कम्प्लीट होने के बाद एक्सपर्ट की टीम कालपी रोड स्थित एमएसएमई कैम्पस में ही ट्रेनिंग देती है। कोर्सेज का मैक्जिमम टाइम ड्यूरेशन 6 हफ्ते तक होता है।
सारे कोर्स जनवरी तक कम्प्लीटएमएसएमई के डायरेक्टर संजीव चावला के अनुसार कोर्सेज की शुरुआत 15 जून तक होने की उम्मीद है। चूंकि यह बिजनेस और उद्यमिता से जुड़ा मसला है, इसलिए हर एक बच्चे पर खास ध्यान दिया जाता है। इसीलिए बैच की मैक्जिमम स्ट्रेंथ भी 20-25 के बीच ही रहती है। फिलहाल, इसे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। जून से शुरू होकर सभी ट्रेनिंग प्रोग्राम, वर्कशॉप और कैंपेन ड्राइव जनवरी लास्ट तक खत्म कर ली जाती हैं।
लोन और बिजनेस में भी मदद डिप्लोमा कम्प्लीट करने के बाद लोन और बिजनेस के लिए भी कैंडीडेट को मदद की जाती है। असिस्टेंट डायरेक्टर एसके अग्निहोत्री ने बताया कि मोबाइल रिपेयरिंग जैसे छोटे बिजनेस 40-50 हजार की लागत में भी चालू किये जा सकते हैं। बड़े बिजनेस सेटअप के लिए ज्यादा लोन की आवश्यकता होती है। इसलिए हमारे यहां से स्टूडेंट्स को लोन लेने का प्रॉसेस भी समझाया जाता है। बिजनेस सेटअप करने के बाद प्रोडक्ट की मार्केटिंग-ब्रांडिंग को प्रमोट करने की बारीकियां भी हमारी एक्सपर्ट टीम सिखाती है। इंडस्ट्रियल को-स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रामसेंटर पर कुल 66 कोर्सेज रन होते हैं। इन कोर्सेज का टाइम पीरियड 6 हफ्तों तक के लिए है। सेंटर के असिस्टेंट डायरेक्टर सुनील अग्निहोत्री ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम वर्किग डेज में ही कंडक्ट करवाये जाते हैं। कुछ प्रमुख कोर्सेज पर एक नजर-
ø फूड प्रोसेसिंग ø कम्प्यूटर अकाउंटेंसी ø डेस्क टॉप पब्लिशिंग ø एसी, रेफ्रिजरेटर, वॉटर कूलर रिपेयरिंग ø इलेक्ट्रिक इक्युपमेंट्स रिपेयरिंग मोबाइल रिपेयर्स ø लेदर प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग (बैग-पर्स आदि) ø लेदर फुटवियर प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग ø इंटीरियर डिजाइनिंग ø कम्प्यूटर हार्डवेयर मेंटीनेंस एंड नेटवर्किग ø गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग ø मल्टीमीडिया एनिमेशन ø डिजिटल फोटोग्राफी एंड वीडियोग्राफी ø बेकरी प्रोडक्ट्स ø परफ्युमरी प्रोड्क्टस ø इलेक्ट्रॉनिक आइटम असेम्बलिंग ø हर्बल प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग वर्कशॉप बेस्ड प्रोग्राम यह सभी प्रोग्राम वर्कशॉप बेस्ड होते हैं। इनमें सबसे ज्यादा फोकस कैंडीडेट्स की ट्रेनिंग पर किया जाता है। यह कोर्सेज आईटीआई और पॉलिटेक्निक की तरह ही हैं। वर्कशॉप में एक्सपर्ट पैनल कैंडीडेट्स को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ खुद का बिजनेस सेटअप करने की भी जानकारी देते हैं। ø सीएनसी मिलिंग ø टर्निग सीएनसी ø ग्राइंडिंग ø वायर कटिंग, ईडीएम-वायर कट ø बेसिक एंड एडवांस वेल्डिंग ø हाउस वायरिंग ø टीवी रिपेयरिंग ø वॉशिंग मशीन ø बुक बाइंडिंग ø हीट ट्रीटमेंट अदर प्रोग्राम्स : उद्यमिता विकास कार्यक्रम :इन कोर्सेज का टाइम पीरियड दो हफ्ते के लिए होता है। जो लोग पहले से कोई हुनर जानते हैं और उसे बतौर बिजनेस स्टेबलिश करने की ख्वाहिश रखते हैं। उन्हें 'इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट प्रोग्राम' के तहत ट्रेंड किया जाता है।
मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम : बिजनेस सेटअप करने के बाद प्रोडक्ट की मार्केटिंग सीखने वालों के लिए यह प्रोग्राम चालू किया गया है। यह पूरा कोर्स मार्केटिंग स्ट्रेटजी ओरिएंटेड है। डिफरेंट प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट को प्रमोट करने की बारीकियां यहां सिखाई जाती हैं। इसका टाइम पीरियड भी दो हफ्ते का है। इंडस्ट्रियल मोटीवेशन कैम्पेन : पॉलीटेक्निक, आईटीआई, इंजीनियरिंग व अन्य डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एमएसएमई की ओर से यह कैम्पेन चलाया जाता है। विभागीय टीम कैम्पस में जा-जाकर स्टूडेंट्स को उद्यमी बनने के लिए मोटीवेट करती है। यह कैम्पेन एक दिन का होता है। फॉर योर हेल्प ø ट्रेनिंग प्रोग्राम 15 जून के आसपास स्टार्ट होने वाले हैं। ø इनकी डिटेल इनफॉर्मेशन डेली न्यूजपेपर पर जल्द ही पब्लिश होने वाली है। कोर्सेज के बारे में विभाग की वेबसाइट dcmsme.gov.in औरर msmediKANPUR.gov.in पर भी जानकारी की जा सकती है। ø आवेदन के समय एप्लीकेंट की मिनिमम एज क्8 साल और क्वालीफिकेशन हाईस्कूल पास होनी चाहिए।ø एप्लीकेशन फॉर्म के बजाय सीधे वॉक-इन इंटरव्यू।
ø इंटरव्यू में अपना बायोडाटा, मार्कशीट की फोटोकॉपी और तीन फोटोग्राफ साथ ले जाएं। ø जनरल-ओबीसी-माइनॉरिटी कैटेगरी के मेल-फीमेल कैंडीडेट्स को क्रमश ख्00 रूपए व क्00 रूपए फीस जमा करनी होती है। एससी-एसटी कैंडीडेट्स को कोई फीस नहीं देनी होती। ø एससी-एसटी कैंडीडेट्स को कास्ट सर्टीफिकेट साथ ले जाना पड़ता है। ø डिमांड ड्राफ्ट या कैश मोड में फीस जमा होती है। ø इंटरव्यू वाले दिन शाम को सेलेक्टेड कैंडीडेट्स का नाम डिक्लेयर कर दिया जाता है। ø सेलेक्शन के दो-तीन दिन बाद ट्रेनिंग-वर्कशॉप प्रोग्राम स्टार्ट हो जाता है। कहां, कैसे और कौन देता है ट्रेनिंग - ø ट्रेनिंग प्रोग्राम एमएसएमई कंपाउंड में ही कंडक्ट होता है। ø एक बैच में ख्0-ख्भ् कैंडीडेट्स को ट्रेनिंग दी जाती है। ø एक दिन में भ्-म् घंटे तक की क्लासेज लगती हैं। ø डिफरेंट ट्रेड की ट्रेनिंग एमएसएमई की एक्सपर्ट फैकल्टी देती है। ø बीच-बीच में संबंधित ट्रेड से जुड़े गेस्ट लेक्चर भी कंडक्ट होते हैं। ø स्टूडेंट्स के लिए क्वेश्चन-आन्सर सेशन भी होता है, जिससे वो अपने सभी डाउट्स क्लियर कर सकें। दो पार्ट में दी जाती है ट्रेनिंग एंटरप्रेन्योर बनने के लिए कैंडीडेट्स को दो पार्ट में ट्रेनिंग दी जाती है। पहला, टेक्निकल और दूसरा नॉन-टेक्निकल। टेक्निकल पार्ट में स्किल डेवलपमेंट जबकि नॉन-टेक पार्ट में उद्यमिता की बारीकियां सिखाई जाती हैं टेक्निकल : फर्स्ट फेज में कैंडीडेट्स में स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा फोकस रहता है। प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग, रिपेयरिंग आदि चीजें सिखाई जाती हैं। यहां ट्रेंड होने के बाद स्टूडेंट्स को प्रोडक्ट तैयार करने के लिए पूरी तरह से डेवलप कर दिया जाता है। नॉन-टेक्निकल : यह फेज बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें उद्यमी बनने की कला सिखाई जाती है। क्योंकि बिजनेस रन करने के लिए सिर्फ स्किल्ड होना काफी नहीं है। इसीलिए स्टूडेंट्स को यहां प्रोडक्ट की मार्केटिंग से लेकर एकाउंटिंग, बुक कीपिंग, टैक्स मैनेजमेंट, जिला उद्योग केन्द्र, खादी ग्रामोद्योग बैंक, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, मार्केट सर्वे, प्रोडक्ट सेलेक्शन जैसी अहम बातों की जानकारी दी जाती है। जिससे कोर्स कम्प्लीट करने के बाद उन्हें अपना बिजनेस सेटअप करने से लेकर प्रोडक्ट की मार्केटिंग और ब्रांडिंग में कोई प्रॉब्लम फेस न करनी पड़े। बिजनेस स्टेबलिश करने के लिए यहां से मिलता है लोन एमएसएमई से डिप्लोमा सर्टीफिकेट हासिल करने के बाद आप खुद का बिजनेस सेट करने के लिए लोन के लिए भी एप्लाई कर सकते हैं। एमएसएमई डायरेक्टर संजीव चावला ने बताया कि लोन एप्लाई करने की प्रक्रिया दो तरह से है। क्- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम - इसमें ख्भ् लाख रूपए तक लोन दिए जाने का प्रावधान है। चार खंभा कुआं फजलगंज स्थित जिला उद्योग केन्द्र और खादी ग्रामोद्योग केन्द्र के जरिए लोन दिया जाता है। लोन कमेटी का चेयरमैन डीएम होता है। डीएम के अप्रूवल के बाद नेशनलाइज्ड बैंक लोन सेंक्शन करता है। ख्- क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्रेन्योर्स (सीजीटीएमएसई) - मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई व स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से यह स्कीम एंटरप्रेन्योर्स को दी जाती है। इसमें क्0 लाख रूपए से लेकर क् करोड़ तक का लोन दिया जाता है। यह सिक्योरिटी-फ्री स्कीम है। मतलब, एप्लीकेंट की राशि बंधक नहीं होती। बिजनेस डूबने की सिचुएशन में नेशनलाइज्ड बैंक को लोन की धनराशि सीजीटीएमएसई फंड से की जाती है। पैसा सुरक्षित होने की वजह से बैंक ऐसे केसेज को प्रायोरिटी पर रखती है। ø ट्रेनिंग कम्प्लीट करने के बाद कई स्टूडेंट्स अपना बिजनेस सक्सेसफुली रन कर रहे हैं। नेक्स्ट मंथ क्भ् जून तक हमारे नये बैचेज स्टार्ट होने जा रहे हैं। जो बच्चे खुद का बिजनेस सेटअप करके इम्प्लॉयमेंट जेनरेट करने की ललक रखते हैं, उनके लिए असीम संभावनाएं हैं। - संजीव चावला, डायरेक्टर एमएसएमई ø हमारी एक्सपर्ट पैनल की टीम स्टूडेंट को बिजनेस सेट-अप करने के बाद भी गाइड करती रहती है। जरूरत पड़ने पर उनके प्लांट पर विजिट करके बिजनेस प्रमोशन की टेक्टिक्स भी सिखाती है। - एसके अग्निहोत्री, असिस्टेंट डायरेक्टर, एमएसएमई