यह खबर पढ़ने के बाद आप किसी से नोट लेते समय उसे चेक जरूर करेंगे। जी हां मार्केट में इस समय 2 करोड़ के नकली नोट काफी छाए हुए हैं। रिजर्व बैंक के सर्कुलर के बाद अब तमाम बैंक अपनी शाखाओं में आवश्यक सूचना देकर ग्राहकों को आगाह कर रहे हैं कि 2AQ और 8AC की सीरीज वाले नोटों से सावधान रहें। तो आइए जानें वो 9 तरीकें जिनसे नोटों की होती है असली पहचान...

1. वार्टर मार्क:
इसके लिए भारतीय नोट पर बने गांधी जी को अगर हल्के शेड वाली जगह पर तिरछा करके देखा जाए तो वार्टर मार्क दिखाई देता है।
2. सिक्योरिटी थ्रेड:
नोट के एकदम बीच में सीधी लाइन पर ध्यान से देखने पर हिंदी में भारत और आरबीआई लिखा होता है। यह सिक्योरिटी थ्रेड होता है।

3. लेटेंट इमेज:

नोट पर गांधी जी की तस्वीर के बराबर एक लेटेंट इमेज होती है जिसमें जितने का नोट है उसकी संख्या लिखी होती है। यह नोट को सीधा करने पर दिखाई देता है।
4. माइक्रोलेटरिंग:
अगर ध्यान से देखा जाए तो गांधी जी की तस्वीर के ठीक बराबर माइक्रोलेटर्स में संख्या लिखी होती है। 5 रुपए, 10 रुपए और 20 रुपए के नोट में यहां पर आरबीआई लिखा होता है। इससे ज्यादा के नोट पर माइक्रोलेटरिंग की जाती है।

5. इंटेग्लिओ प्रिंटिंग:
आपको बता दें कि नोट पर इस्तेमाल की जाने वाली स्याही या इंक विशेष प्रकार की होती है जिसके कारण महात्मा गांधी जी की फोटो, आरबीआई की सील और प्रोमाइसिस क्लॉस, आरबीआई गवर्नर के साइन को छूने पर उभरे हुए महसूस होते हैं।

6. आईडेंटिफिकेशन मार्क:

यह वाटर मार्क के बाईं ओर होता है। सभी नोटों में यह अलग आकार का होता है। जैसे 20 रुपए के नोट में ये वर्टिकल रेक्टेंगल, 50 रुपए के नोट में चौकोर, 100 रुपए के नोट में ट्राइएंगल, 500 रुपए के नोट में गोल और 1000 रुपए के नोट में डायमंड के आकार में होता है।

7. फ्लोरेसेंस:

नोट पर नीचे की तरफ विशेष नंबर दिए होते हैं जो कि एक खास सीरीज के तहत होते हें। इन नंबर्स को फोरेसेंस इंक से प्रिंट किया जाता है। जब नोट को अल्ट्रा वॉइलेट लाइट में देखा जाता है तो ये उभर कर दिखाई देते हैं।
8. ऑप्टिकल वेरिएबल इंक:
ऑप्टिकल वेरिएबल इंक का इस्तेमाल 1000 और 500 के नोट में किया जाता है। नोट के बीच में 500 और 1000 के अंक को प्रिंट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। जब नोट को सीधा पकड़ा जाता है तो यह हरे रंग का दिखाई देता है और एंगल बदलने पर इसका रंग बदलता रहता है।
9. सी थ्रू रजिस्ट्रेशन:
सी थ्रू रजिस्ट्रेशन वाटर मार्क के साइड में फ्लोरल डिजाइन के रूप में होता है। यह नोट के दोनों साइड दिखाई देता है। एक साइड यह रिक्त होता है और दूसरी साइड यह भरा हुआ दिखाई देता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari