घर लेने से पहले कर लें पता
कई इलाकों में हुए हैं illegal construction
जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी) के एक ऑफिसर ने बताया कि लोग नक्शा पास करवाने के बाद मनमाना कंस्ट्रक्शन करवाते हैं। उन्होंने कहा कि टाटा लीज एरिया से भी इस तरह के मामले सामने आते हैं। सीतारामडेरा का एग्जांपल देते हुए उन्होंने बताया कि यहां ग्राउंड प्लस टू फ्लोर के निर्माण की ही परमिशन है पर इससे ज्यादा निर्माण के मामले सामने आते रहते हैं।
नहीं है NOC की व्यवस्था
एक बार नक्शा पास करवाने के बाद कंस्ट्रक्शन पर किसी तरह का रोक नहीं है। बिल्डर भले ही नक्शा पास करवाने के बाद उसमें बदलाव कर दे, बगैर किसी कंप्लेन के उस पर कार्रवाई नहीं हो सकती। जेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर आरएन द्विवेदी ने बताया कि निर्माण कंप्लीट होने के बाद नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) देने जैसी फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरह की बिल्डिंग्स की रेग्यूलर जांच कर कार्रवाई की जाती है।
क्या हैं rules?
सिटी के हर इलाके में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए बिल्डिंग बायलॉज में कई गाइडलाइन्स बनाए गए हैं। रूल्स के मुताबिक किसी भी इमारत की ऊंचाई सामने के रोड की चौड़ाई के डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं हो सकती। अगर बिल्डिंग की हाइट इससे ज्यादा बढ़ानी हो उतनी जमीन खाली छोडऩी होती है। इसके अलावा डिफरेंट एरियाज में अलग-अलग फ्लोर एरिया रेशियो भी निर्धारित किए गए हैं। एग्जांपल के तौर पर कदमा मार्केट में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 2.5 है। इसका मतलब है कि यहां पर कंस्ट्रक्शन का काम जमीन के एरिया से 2.5 गुना से ज्यादा नहीं हो सकती। वहीं टाटा लीज जमीन पर सिर्फ ग्राउंड प्लस टू फ्लोर के निर्माण की परमिशन है। पर सिटी में इन सारे रूल्स का धड़ल्ले से वायलेशन हो रहा है।
-आरएन द्विवेदी, स्पेशल ऑफिसर जेएनएसीReport by: abhijit.pandey@inext.co.in