45 लाख किलो सेल राजधानी में

90 करोड़ से अधिक का कारोबार होली पर

- होली के चलते राजधानी में कई जगहों से आता है नकली खोआ

- नकली खोआ पर नजर रखन के लिए विशेष टीम तैयार, जल्द शुरू होगी जांच

LUCKNOW: सावधान। कहीं आप नकली खोआ से तैयार गुझिया तो नहीं खा रहे हैं। नकली खोआ आपका स्वास्थ्य खराब कर होली की खुशियों के रंग में भंग डाल सकता है। मंडी के खोआ व्यापारियों के अनुसार डिमांड इतनी अधिक होती है कि असली खोआ की आपूर्ति कम हो जाती है। ऐसे में मार्केट में नकली खोआ भी आता है। ऐसे में खोआ खरीदने से पहले उसकी पहचान करना जरूरी है। आइए जानते हैं शहर में खोआ कहां-कहां से आता है और कितनी तरह का खोआ बिक रहा है। पेश है संजीव पांडेय की रिपोर्ट

मार्केट में नकली खोआ की मंडी

राजधानी में चार मंडियों में खोआ बिकता है। सबसे बड़ी मंडी नाके की हैं। यहां बाहर से लाकर खोआ बेचना सबसे आसान है। इसके अलावा टेढ़ी पुलिया, ठाकुरगंज मंडी भी है। रकाबगंज में नेहरू क्रास के पास एक छोटी मंडी लगती है। इन मंडियों में भी नकली खोआ खपाया जाता है।

तीन तरह का खोआ बिकता है

मार्केट में तीन तरह का खोआ बिकता है। सभी तरह का खोआ दूध से बनता है लेकिन बनाने का तरीका अलग होता है। गाय का खोआ, चिकना खोआ और दानेदार खोआ। गाय का खोआ कालाजाम और पेड़े बनाने के काम में आता है। वहीं चिकना खोआ दूध की बर्फी के साथ अन्य कार्यो में प्रयोग होता है। दानेदार खोआ गुझिया, गाजर का हलवा और अन्य मिठाइयां बनाने के काम में आता है। गुझिया के लिए सर्वाधिकदानेदार खोआ की डिमांड रहती है।

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ऐसे तैयार होता है नकली खोआ

नकली खोआ तैयार करने में दो विधियों को प्रयोग किया जाता है।

1. सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला तरीका

- खोआ में आलू, कद्दू, शकरकंदी, पिसा चावल, मैदा, आरारोट तक मिलाया जाता है। खोआ बेचने वाले ऊपर तो सही खोआ रखते हैं लेकिन नीचे या बीच की लेयर में यह सब मिला देते हैं। इससे वेट भी बढ़ जाता है।

चूना भी मिलाते हैं

इसमें खोआ में चूना तक मिला दिया जाता है। खोआ को बचाने के लिए रंग, कैमिकल्स और एसेंस का प्रयोग किया जाता है। यह खोआ स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है।

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राजधानी में कहां से आता है खोआ

राजधानी में अधिकांश खोआ मॉल, मलिहाबाद, काकोरी, सीतापुर, मोहनलालगंज, सिसेंडी से आता है। नकली मावा दिल्ली, कानपुर, दरियागंज, गोरखपुर से राजधानी आता है। होली पर नकली खोआ की डिमांड बढ़ जाती है।

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400 रुपए तक पहुंच जाते हैं दाम

मंडियों में खोआ का भाव इस समय 220 से लेकर 260 रुपए प्रति किलो तक है। लेकिन होली करीब आते ही इसके दाम 350 रुपए से 400 रुपए किलो तक पहुंच जाता है। इसी के चलते होली में नकली मावा की आपूर्ति शुरू हो जाती है।

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1 हजार किलो तक पहुंच जाती है नकली खोआ की आपूर्ति

होली के सीजन में 1हजार किलो नकली खोआ मार्केट में पहुंचाया जाता है। कई बार छापेमारी के दौरान ट्रकों में कई किलो नकली खोआ पकड़ा भी जा चुका है। राजधानी में एफएसडीए ने ही कई जगह पर छापेमारी के दौरान 500 किलो तक खोआ जब्त किया है।

कोट

जल्द मार्केट में खोआ को लेकर सैंपलिंग शुरू होगी। खराब खोआ होने पर मौके पर ही जुर्माना वसूला जाएगा।

डॉ। एसपी सिंह, अभिहित अधिकारी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ

कोट

लोगों को खोआ की खरीदारी में सर्तकता बरतनी चाहिए। प्रतिष्ठित दुकानों से ही इसे लें, वे खराब खोआ की बिक्री कभी नहीं करेंगे।

पीयूष शुक्ला, व्यापारी चारबाग

नकली खोआ से बचने के लिए अब कई व्यापारी अपने यहां ही खोआ तैयार करवाते हैं। अपने ग्राहकों को लोग बेहतर आइटम देंगे तो उनकी सेल बढ़ेंगी।

दिनेश शर्मा, व्यापारी भूतनाथ

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ऐसे करें पहचान

- ठंडा होने पर खोआ में आयोडीन सोलूशन डालें। खोआ नकली होने पर इसका रंग नीला हो जाएगा।

- मावे में थोड़ी चीनी डालकर गरम करें। यह पानी छोड़ने लगे तो यह नकली है।

- थोड़ा मावा खाकर देखें। असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा।

Posted By: Inextlive