- स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यो की थर्ड पार्टी होगी जांच

- आईआईटी कानपुर एवं आईईटी लखनऊ को दी गई मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW: स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यो में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता में खेल नहीं हो सकेगा। इसकी वजह यह है कि स्मार्ट सिटी के तहत हो चुके या हो रहे या होने वाले सभी कार्यो की थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर और आईईटी लखनऊ को दी गई है। इससे साफ है कि गुणवत्ता संबंधी गड़बडि़यों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।

इसलिए उठाया कदम

स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यो में बेहतर गुणवत्ता लाने के लिए ही यह कदम उठाया गया है। थर्ड पार्टी जांच होने से किसी भी प्रकार से गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठाए जा सकेंगे। वहीं थर्ड पार्टी जांच से एक फायदा यह भी है कि आंकड़ों के साथ-साथ स्थलीय निरीक्षण के दौरान कार्यो की सही तस्वीर सामने आ सकेगी।

इंटरनल ऑडिट भी होगी

यह भी जानकारी सामने आई है कि स्मार्ट सिटी की बैलेंसशीट के ऑडिट के साथ ही कंपनी अधिनियम के तहत इंटरनल ऑडिट भी कराया जाएगा। इससे किसी भी लेवल पर कोई गड़बड़ी न हो सके।

बचत धनराशि से मिलेगी रफ्तार

स्मार्ट सिटी में शामिल प्रस्तावों की बचत धनराशि से सात नई परियोजनाओं के शुरू होने का भी रास्ता साफ हो गया है। इन परियोजनाओं के शुरू होने से जनता को खासी राहत मिलेगी।

ये हैं योजनाएं

1-कैसरबाग मछली मंडी में बहुमंजिला अंडरग्राउंड पार्किग

लागत-19.16 करोड़

2-कैसरबाग एबीडी एरिया में अंडरग्राउंड पार्किग

लागत-10.00 करोड़

3-कलेक्ट्रेट परिसर में अंडरग्राउंड बहुमंजिला स्मार्ट पार्किग

लागत-23.75 करोड़

4-कैसरबाग एरिया में 12 पार्को का विकास

लागत-4.11 करोड़

5-कैसरबाग हैरीटेज एरिया में डेवलपमेंट

लागत-8.00 करोड़

6-विद्युत स्काडा पैन सिटी के लिए टेक्नोलॉजी इंटरवेंशन

लागत-30.00 करोड़

7-नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन

लागत-11.50 करोड़

382 करोड़ की योजनाएं ड्रॉप

स्मार्ट सिटी में शामिल करीब 382 करोड़ की योजनाओं को भी ड्राप कर दिया गया है। इस संबंध में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजा जाएगा।

1-योजना-अवध वॉक ऑन ठंडी सड़क

लागत-5 करोड़

2-कल्चरल क्लब

लागत-8 करोड़

3-मॉरिश मार्केट का री-डेवलपमेंट

लागत-2.00 करोड़

4-साइकिल ट्रैक

लागत-4.66 करोड़

5-गोमती तट विकास परियोजना

लागत-113 करोड़

वर्जन

स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले सभी कार्यो की थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। यह जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर और आईईटी लखनऊ को दी गई है। उक्त कदम को उठाने की वजह यही है कि कार्यो की गुणवत्ता को लेकर कोई सवाल सामने न आएं।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive