- बीएड कॉलेजों को दूसरी काउंसलिंग होने से मिलेगी राहत

- कई कॉलेजों में एक भी स्टूडेंट्स का नहीं हुआ एडमिशन

- 2015-16 शून्य और इसके बाद दो साल की होगी बीएड

- आने वाले समय में क्रेज घटने को लेकर भी बनी थी चिंता

Meerut: बीएड की सेकेंड काउंसलिंग की डेट आने से मानों कॉलेजों को संजीवनी मिल गई है। जिन कॉलेजों में एक भी एडमिशन नहीं हो पाया था वे अपनी बीएड मान्यता को लेकर परेशान थे। दूसरी काउंसलिंग के लिए मामला कोर्ट में था। अब निर्णय आने के बाद काउंसलिंग शुरू हो जाएगी। इससे कॉलेजों को एक बार फिर एडमिशन लेने का मौका मिल गया, जिससे उनको राहत महसूस हो रही है। मेरठ में ही हजारों की संख्या में सीटें खाली पड़ी हैं, जिन पर एडमिशन होने हैं।

यह था सीन

सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के बीएड एडमिशन के लिए बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने स्टेट कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराया था, जिसमें करीब ख्,ब्0,000 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। करीब ख्,क्0,000 स्टूडेंट्स अपीयर हुए थे। इन पास आउट कैंडीडेट्स की फ‌र्स्ट फेज की काउंसलिंग क्म् जून से ख् जुलाई तक चली थी, जिसमें टेस्ट क्वालीफाई करने वाले करीब क्,70,000 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए कॉल किया गया था। जबकि यूपी के सभी कॉलेजों में बीएड की करीब क्,फ्क्,000 सीटें हैं।

87 हजार सीटें भरी जाएंगी

मेरठ में तीन सेंटर्स पर करीब ग्यारह हजार स्टूडेंट्स को कॉल किया गया था, जिसमें एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम रही। वहीं कॉलेज वाले स्टूडेंट्स को लुभाने में लगे थे। जो कई तरह के फ्रॉड भी करने पर उतारू हो गए थे। पहली काउंसलिंग में करीब म्म्,000 स्टूडेंट्स ने कॉलेजों में एडमिशन लिया है। फ‌र्स्ट फेज की काउंसलिंग के बाद प्रदेश भर के बीएड कॉलेजेज में करीब 87 हजार सीटें भरी जानी हैं। मेरठ, गाजियाबाद के अधिकांश कॉलेजेज स्टूडेंट्स की राह ही निहारते रह गए।

टेंशन में थे कॉलेज

पहली काउंसलिंग के बाद इतने बड़े पैमाने पर सीटें खाली रहने की वजह से प्राइवेट कॉलेजों में मैनेजमेंट के माथे पर टेंशन नजर आ रही थी। कई ऐसे कॉलेज थे जिनमें क्0 सीटें भी नहीं भर पाई थीं। सीटें भरने के लिए कॉलेजेज ने शासन पर जल्द दोबारा काउंसलिंग शुरू कराने पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। सबसे बड़ी टेंशन अगले साल सत्र शून्य और इसके बाद दो डिग्री दो साल की होने की है। इसके चलते कैंडीडेट्स की रुचि भी कम हो सकती है। इस टेंशन के चलते कॉलेज वाले अगली काउंसलिंग के लिए लगे हुए थे। जिसकी डेट आते ही उनको राहत की सांस मिल गई है।

यह आई थी डेट

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर सीटें भरे जाने तक काउंसलिंग कराए जाने को कहा गया था, जिसका हवाला देते हुए शासन के निर्देश पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने शासन और सुप्रीम कोर्ट को प्रपोज्ड डेट सौंप कर काउंसलिंग कराने की अनुमति मांगी थी। असल में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में सेशन स्टार्ट करने और सीटों को भरने की डेट भी फिक्स कर दी थी। प्रपोज्ड डेट के अनुसार, सेकेंड फेज की काउंसलिंग ख्क् से ख्फ् जुलाई तक और थर्ड फेज की काउंसलिंग ख्7 और ख्8 जुलाई को कंडक्ट कराने की परमीशन मांगी गई थी।

मेरठ में कॉलेज की स्थिति

सीसीएसयू से संबद्ध फ्क्ख् बीएड कॉलेजों में चालीस हजार के करीब सीटें हैं। जबकि यहां बीएड एंट्रेंस देने वालों की संख्या काफी कम है। मेरठ जिले से केवल चौदह हजार कैंडीडेट्स ही शामिल हुए थे। अब तक हुई काउंसलिंग में कॉलेजों का बुरा हाल था। वे अपने यहां एडमिशन के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे थे। एडमिशन के साथ ही पैसे भी वापस करने के लिए कह रहे थे, जबकि ये कॉलेज स्टूडेंट्स से सरकारी फीस लेने के बाद भी पैसा वसूलते थे।

यूनिवर्सिटीज से संबद्ध कॉलेज

सीसीएस यूनिवर्सिटी - फ्क्ख्

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी - फ्8

छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर - क्भ्8

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी- म्8

डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा- ख्ख्8

राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद- क्ब्9

लखनऊ यूनिवर्सिटी लखनऊ - ब्ख्

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी - म्म्

महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली - भ्क्

सम्पूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी वाराणसी - 9

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर - 7फ्

Posted By: Inextlive