-मेरठ में गोकशी राजनीति का अहम मुद्दा

-मुद्दा करा चुका है प्रदर्शन से लेकर बवाल

Meerut: गोकशी को लेकर मेरठ काफी संवेदनशील माना जाता है। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी गोकशी के मामले पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। कभी भी सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका बनी रहती है। हिंदू संगठनों के अत्यधिक सक्रिय होने के चलते इस मामले को लेकर यहां पर राजनीति भी खूब होती है। जिसके चलते मेरठ को हमेशा से ही सेंसिटिव जोन में रखा गया है। घटनाएं गवाह है कि गोकशी की घटनाओं की वजह से यहां पर हंगामे और बवाल तक हुए हैं।

गोकशी एक प्रमुख मुद्दा

मेरठ में हिंदू और मुस्लिम समाज की आबादी करीब-करीब बराबर है। ऐसे में जातिगत राजनीति यहां पर खूब खेली जाती है। मेरठ में भाजपा पार्टी का हमेशा से ही दबदबा रहा है। वहीं हिंदू संगठन जैसे बजरंग दल, विहिप, समेत अन्य दर्जनों दल यहां पर सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका निभाते आए हैं। जिसके चलते मेरठ में राजनीति की बिसात पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर खूब रोटियां सेकी गई हैं। ऐसे में गोकशी एक प्रमुख मुद्दा भी बना हुआ है। जिसके चलते हिंदू संगठन गाहे-बगाहे अपनी राजनीति चमकाते रहे हैं और यह मुद्दा हमेशा से ही संवेदनशील बना रहा है।

अंकुश नहीं लगा पा रही है पुलिस

जमकर राजनीति होने के बावजूद पुलिस गोकशी के मामलों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। केवल लिसाड़ी गेट में ही पिछले समय में कई मामले प्रकाश में आए हैं। बावजूद इसके पुलिस लगाम लगाने में नकाम रही है। लिसाड़ी गेट के समर गार्डन में 27 अक्टूबर को पुलिस ने सेंट्रो कार का पीछा कर दो तस्करों को पकड़ लिया था। तस्करों की सूचना पर गोमांस खरीदने वाले को एक आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि दूसरा फरार हो गया था। वहीं 5 अगस्त को पुलिस ने श्यामनगर में मिनी कमेलों से गोवंश के अवशेष बरामद किए थे। हालांकि, इस दौरान पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।

गोशाला की गायों का अता-पता नहीं

सूरजकुंड स्थित श्री बाबा मनोहर नाथ मंदिर की गोशाला से 22 मार्च को लूटे हुए चार गायों को अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर पाई है। देर रात हथियारों से लैश होकर आए खाकीदारी बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद हिंदू संगठनों समेत भाजपा के नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। पुलिस ने करीब 10 दिन का समय मांगा था गायों को बरामद करने के लिए। पुलिस ने देहात से तीन आरोपियों की गिरफ्तारी दो दिखा दी लेकिन अभी तक गायों की बरामदगी को लेकर चुप्पी साधे हुई है।

गोकशी के कुछ और मामले

- सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव हर्रा के जंगल में 1 जनवरी को पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ते हुए मौके से तीन गायों के अवशेष व औजार बरामद किए थे। पुलिस ने गोमांस को जमीन में दबवा दिया था। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने थाने में जमकर हंगामा किया था।

- मेडिकल थानाक्षेत्र के जागृति विहार सेक्टर-8 में चौकी के पास ही 28 जनवरी सुबह स्कार्पियो सवार कुछ गोतस्करों ने दो गोवंश को उठा लिया। इसकी जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने स्कार्पियो की घेराबंदी की। स्कार्पियो सवार आरोपी हवाई फाय¨रग करते हुए फरार हो गए थे। मामले में कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने जागृति विहार चौकी का घेराव किया था।

- कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के खड़ौली बाईपास पर खेतों में 29 जुलाई 2015 को बड़ी मात्रा में गोवंश के अवशेष मिलने पर बवाल हो गया था। गुस्साए ग्रामीणों के हाईवे जाम करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। विरोध में ग्रामीणों ने पथराव भी किया था। मौके पर पहुंचे कैंट के भाजपा विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल से पुलिस की हाथापाई भी हुई थी।

- भावनपुर थानाक्षेत्र के गांव नंगला साहू के जंगल में 2 जुलाई 2015 को गाय के अवशेष मिलने पर तनाव फैल गया था। मौके पर पहुंचे ¨हदू संगठन कार्यकर्ताओं और भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया। पूरे प्रकरण में एक सिपाही का ट्रांसफर कर दिया गया था।

Posted By: Inextlive