- बोले सीएम, जल निगम के अधूरे कार्यो के जिम्मेदारों पर हो एफआईआर

- कहा, नमामि गंगे योजना में रुचि न लेने वाले डीएम फील्ड से हट जाएं

LUCKNOW: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर केंद्र सरकार मदद करे तो अगले दो साल में हम हर गांव और हर घर तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचा देंगे। इस योजना में प्रदेश को चार भागों में बांटा गया है। पहले में बुंदेलखंड, दूसरे में विंध्याचल, तीसरे चरण में जेई और एईएस से प्रभावित पूवरंचल के जिले और चौथे में गंगा और यमुना बेसिन के आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित जिले हैं। पहले और दूसरे चरण के लिए 9 हजार करोड़ और 6700 करोड़ रुपये का डीपीआर भी तैयार है। भारत सरकार से धनराशि मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री बुधवार को लोकभवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ प्रदेश के सभी डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पाइप पेय जल परियोजना, जल संरक्षण और गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की सफाई एवं उनके पुनरोद्धार को लेकर निर्देश दे रहे थे।

ईडी को सौंप दें संपत्ति

सीएम ने नमामि गंगे परियोजना के कार्य की सुस्त गति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मुझे एक ही काम बार-बार कहना पसंद नहीं है। गंगा के किनारे के 25 जिलों के डीएम कार्य योजना बनाकर ईमानदारी से इस पर अमल करें, जो निर्णय नहीं ले सकता, उसे फील्ड में रहने की जरूरत नहीं है। वहीं जल निगम की शिकायतों पर कहा कि अधूरे कायरें की लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर कर जेल भेजें और उनकी संपत्ति ईडी के सुपुर्द कर दें। जल निगम के कार्य को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बांट दें। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान पर सीएम योगी की सराहना की। उन्होंने कहा कि गंगा सिर्फ पांच राज्यों का मसला नहीं है, यह 121 करोड़ लोगों की आस्था का सवाल है। बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, ग्राम्य विकास मंत्री महेंद्र सिंह और मुख्य सचिव डॉ। अनूप चंद्र पांडेय मौजूद थे।

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वॉटर हार्वेस्टिंग का बना रहे प्लान

इसके बाद सीएम योगी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर 22 जून को पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन को भी सफल बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार नये तैयार होने वाले सरकारी भवनों में वर्षा जल के संचयन की व्यवस्था बनाएगी। घर से निकलने वाले वाटर वेस्ट दोबारा इस्तेमाल करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए भी प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है। वन महोत्सव के अवसर पर प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों के किनारों पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण कराएगा।

Posted By: Inextlive