..तो कहां जाएंगे पांच हजार स्ट्रीट वेंडर
अर्द्धकुंभ से पहले होना है सड़कों का चौड़ीकरण, सड़क पटरी दुकानदारों को हटाने की कवायद शुरू
बड़ा सवाल, भुखमरी का शिकार हो जाएंगे कई परिवार ALLAHABAD: जब शहर के सौंदर्यीकरण के लिए सड़क चौड़ीकरण की बात आती है तो एक सवाल सामने आ जाता है कि स्ट्रीट वेंडर कहां जाएंगे? उनके परिवार का पालन पोषण कैसे होगा? एक बार फिर यही परिस्थितियां बन रही हैं। एडीए ने अर्द्धकुंभ से पहले आधा दर्जन सड़कों के चौड़ीकरण की बात कही है। ऐसे में इन सड़कों के पटरी दुकानदारों में हलचल मच गई है। उन्होंने प्रॉसेस शुरू होने से पहले ही विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि एडीए और नगर निगम की मनमानी से उनका हक मारा जा रहा है। बिना नोटिस मची खलबलीअर्द्धकुंभ से पहले खुल्दाबाद से जानसेनगंज, हिवेट रोड, जवाहर लाल नेहरू रोड, महात्मा गांधी मार्ग, बाघम्बरी गद्दी मार्ग और मटियारा रोड का चौड़ीकरण होना है। इसके लिए इन सड़कों पर मौजूद लगभग पांच हजार सड़क-पटरी दुकानदारों को हटाया जाएगा। एडीए की ओर से सोहबतियाबाग के मकान मालिकों को नोटिस मिलने के बाद स्ट्रीट वेंडर्स के बीच खलबली मच गई है। उनको अपना रोजगार छिनने का डर सताने लगा है।
हमे हमारा हक दे प्रशासनस्ट्रीट वेंडर्स का कहना है कि प्रशासन उनको उनका हक दे। नियमों के मुताबिक जब भी नया शहरी विकास किया जाएगा तो उसका एक हिस्सा स्ट्रीट वेंडर्स को उपलब्ध कराना होगा। लेकिन, इस नियम का प्रशासन हमेशा अनदेखी करता है। अभी तक इलाहाबाद में फेरी नीति नहीं बनाई गई है। इससे वेंडिंग जोन नहीं बन रहा है और स्ट्रीट वेंडर्स को ठिकाना नहीं मिल पा रहा है। पटरी दुकानदारों की मानें तो अगर प्रशासन सड़क किनारे बड़े दुकानदारों से नजूल की लैंड और ग्रीन स्पेस खाली करा दे तो स्ट्रीट वेंडर्स का भला हो सकता है।
पब्लिक को भी है नुकसान इनक्रोचमेंट के नाम पर उजाड़े जाने से केवल स्ट्रीट वेंडर्स ही नही बल्कि पब्लिक को भी नुकसान होगा। अभी तक पटरी दुकानदारों के जरिए लोगों को सस्ता और बेहतर फूड आइटम और रोजमर्रा की चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। कहा-कहां होना है चौड़ीकरण खुल्दाबाद से जानसेनगंज हिवेट रोड जवाहर लाल नेहरू रोड महात्मा गांधी मार्ग बाघम्बरी गद्दी रोड मटियारा रोड इनक्रोचमेंट हटाने के नाम पर स्ट्रीट वेंडर्स को हमेशा निशाना बनाया जाता है। शासन और प्रशासन हटाने से पहले हमारे रोजगार के बारे में भी सोचे। मुकेश सोनकर, स्ट्रीट वेंडरनियमानुसार हमें वेंडिंग जोन के तहत दुकान लगाने की जगह मिलनी चाहिए। नगर निगम और एडीए इसे अनदेखा कर हमे परेशान करते हैं।
रविशंकर द्विवेदी, जनरल सेक्रेटरी, आजाद हाकर स्ट्रीट वेंडर यूनियन हम हक के लिए लड़ेंगे। सरकार के सामने अपना हक रखा है। कोर्ट में भी कंटेंट दाखिल है। अधिकारियों और नेताओं को भी सोचना होगा। बुगिन तिवारी, अध्यक्ष, आजाद हाकर स्ट्रीट वेंडर यूनियन अभी तक फेरी नीति लागू नहीं की गई है। बावजूद इसके स्ट्रीट वेंडर्स को हटा दिया जाता है। पहले प्रशासन नीति लागू कर वेंडिंग जोन डिसाइड करे। पूनम शुक्ला, अध्यक्ष, महारानी स्ट्रीट वेंडर यूनियन हमसे पब्लिक को भी फायदा है। उनको सस्ता सामान आसानी से मिल जाता है। हमसे रोजाना हजारों लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं। राजेश, स्ट्रीट वेंडर अगर हमे हटा दिया गया तो परिवार का पेट पालना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह हजारों की संख्या में वेंडर रोजाना खाने कमाने पर आश्रित हैं। हिजाजी, स्ट्रीट वेंडर बड़े दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। पटरी दुकानदारों पर ही बुलडोजर चलता है। हमारे परिवार के पालन पोषण के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। प्रभाकर, स्ट्रीट वेंडर हमलोगों के लिए भी सरकार को अलग से स्थान देना चाहिए। इनक्रोचमेंट के नाम पर बिना इंतजाम किए हटा देना ठीक नहीं है। इकराम, स्ट्रीट वेंडर