-शनिवार को एनआइए की टीम हजारीबाग पहुंच कर विस्फोटक की जांच की

-झारखंड में दंगा फैलाने के लिए दूसरे राज्यों से आ रहे हैं लोग

RANCHI: क्7 अप्रैल को हजारीबाग के हबीबीनगर में बम बनाते समय जिन पांच लोगों की मौत हुई थी। वे लोग जिस एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किए थे। वो बंगाल से लाया गया था। शनिवार को एनआइए की टीम हजारीबाग पहुंची और एक्सप्लोसिव की जांच की। पाया गया कि उक्त एक्सप्लोसिव बंगाल में मिलता है। गौरतलब हो कि बम विस्फोट होने के बाद लोगों ने पांच शवों को कब्र में छिपा दिया था। जिसे कोर्ट की स्वीकृति मिलने पर बाहर निकाला गया था और रिम्स में पोस्टमार्टम करने के बाद वापस हजारीबाग भेज दिया गया था।

एनआइए से मांगी थी मदद

जांच में सहयोग के लिए एनआईए से मदद मांगी गई थी, ताकि एनआईए के एक्सपर्ट के माध्यम से यह जाना जा सके कि जो आईईडी विस्फोट हुए हैं या जो बरामद हुए हैं वे किस प्रकार के हैं और उनका लिंक कहीं दूसरी जगह से तो नहीं जुड़ा है। इसकी पुष्टि पुलिस प्रवक्ता एसएन प्रधान ने की थी।

दंगों में राज्य से बाहरी लोग

पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, झारखंड में दंगा फैलाने के लिए बाहर के लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्ष ख्0क्ब् में चान्हो में सिलगाई में हुए दंगे अब्दुल सामी उर्फ कटकी के उत्तेजक भाषण के परिणाम थे। इसके बाद कटकी ने अपने लोगों के साथ लोहरदगा में भी दंगा करवाया था। इस दंगे में कटकी पहले ही भाग चुका था। झारखंड की पुलिस यह मान रही है कि राज्य में अमन शांति में खलल देने के लिए बाहर के असामाजिक तत्व जुट रहे हैं।

Posted By: Inextlive