- भाई-दूज को लेकर भाई-बहनों में उत्साह

- बहनों को भाई देंगे अनमोल उपहार

DEHRADUN: धनतेरस से शुरू हुई त्योहारों की धूम आज भाई-दूज के पवित्र त्योहार के साथ संपन्न होगी। भाई-बहन के पवित्र प्रेम के बंधन व समर्पण के प्रतीक इस त्योहार को कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस त्योहार का हर भाई-बहन को बेसर्बी से इंतजार होता है।

क्यों मनाते हैं भाई-दूज

भाई-दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को अक्षत टीका लगाती हैं और उनके लिए सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। भाई इस दिन अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। भाई-दूज के त्योहार को लेकर किवदंती है कि एक बार यम ने अपनी बहन यमी की आवभगत से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि यदि भाई-दूज पर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनके कष्ट दूर हो जाएंगे। इसके अलावा यमी ने यह वचन भी लिया था कि जैसे यम उनके घर आए हैं वैसे ही यदि इस दिन कोई भी भाई अपनी बहन से मिलने जाएगा तो उसे यमराज दीर्घायु प्रदान करेंगें, इसलिए जिनकी बहन दूर रहती हैं वे सभी इस दिन अपनी बहनों से मिलकर अक्षत का टीका लगाते हैं व अपनी बहन से आशीष लेते हैं।

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इस साल भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ समय दिन में क् बजकर 9 मिनट से लेकर फ् बजकर ख्0 मिनट के बीच है। इस दिन सुबह पहले स्नान कर विष्णु और गणेश की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ही अक्षत और रोली का टीका लगाना चाहिए।

- पं। गणेश प्रसाद सेमवाल, डोभालवाला।

Posted By: Inextlive