- भैया दूज के साथ ही गंगा यमुनी रस्म अदा की जाएगी

- भाइयों को गाली, बजरी तो कहीं काटा चुभोया जाएगा

PATNA: शनिवार को भईया दूज है और चित्रगुप्त पूजा भी। दोनों एक साथ मनाने की परंपरा शुरू से रही है। भइया दूज भाइयों की उम्र बढ़ाने के लिए बहन करती है, तो चित्रगुप्त पूजना कलम के जादूगर के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। यानी हर पढ़ने वाले लोग या फिर कामकाजी भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं, तो उनका कलम कभी नहीं रुकेगा, ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं और उन्हें कलम चढ़ाकर उस कलम का यूज करते हैं, तो पूरा साल उनके कलम से उनकी बुद्धिमता और ज्ञान छलकता रहता है। इस दिन हर बच्चे का पहली बार कलम भी छूने दिया जाता है, साथ ही कई भगवान भगवान चित्रगुप्त के पास ही उसका नामांकरण भी किया जाता है। इसलिए अगर आप भी भगवान चित्रगुप्त की पूजा करना चाह रहे हैं, तो कई पंडालों और पूजा समिति में जाकर पूजा कर सकते हैं। आप अपने घरों में भी भगवान चित्रगुप्त की फोटो लकड़ी की चारपाई पर रख कर सकते हैं। उनका सिंहासन पूरब की ओर होनी चाहिए। इस दौरान आप नए कलम रख सकते हैं और साल भर उसका यूज कर सकते हैं।

भाई-बहन का अनूठा पर्व

भइया दूज को लेकर ऐसी मान्यता है कि बहन के घर भाई अगर खाता है, तो उसकी उम्र बढ़ती है, इसलिए हर जगह गंगा-यमुनी की तरह भाई-बहन के प्यार के इस पर्व को हर जगह अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। पंडित राजेश कुमार ने बताया कि इस दिन पटना और आसपास के एरिया में बहन भाई को काटा चुभोती है, साथ ही गाली भी देती है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भाई का उम्र बढ़ता है, साथ ही बजरा भी खिलाया और कुटवाया जाता है।

पालतू पशुओं की हुई पूजा-अर्चना

दीवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के साथ इस दिन अन्नपूर्णा देवी की पूजा भी अर्चना की जाती है। इस दिन शहर के विभिन्न जगहों पर पालतू पशुओं की पूजा अर्चना की गई साथ ही उसे नयी रस्सी डाली गयी। एक दर्जन से अधिक खटाल और घरों में पालतू पशुओं की पूजा करने में सुबह से ही लोग जुटे रहे।

Posted By: Inextlive