Kisan Mahapanchayat Muzaffarnagar: देश में लंबे समय ये चल रहे किसान आंदोलन के अगले चरण में अब देश भर के किसान 27 सितंबर को भारत बंद कराएंगे। यह फैसला मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत में किसान नेताओं ने लिया है।

मुजफ्फरनगर (आईएएनएस)। Kisan Mahapanchayatमुजफ्फरनगर में रविवार को हई किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तत्वावधान में 15 राज्यों के 300 से अधिक किसान संघों ने भाग लिया। इसमें किसान एकता की ताकत का एक बड़ा प्रदर्शन किया गया और किसान नेताओं ने विरोध जारी रखने के अपने संकल्प को दोहराया। इस महापंचायत में किसान नेताओं ने सर्वसम्मति से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है।

मोदी और योगी सरकार को कराएंगे किसान आंदोलन की ताकत का एहसास
महापंचायत के मंच से नेताओं ने कहा, "उन्होंने (केंद्र) ने कहा कि केवल कुछ मुट्ठी भर किसान विरोध कर रहे हैं। उन्हें करने दो। देखिए आज हम कितने मुट्ठी भर हैं। तो आइए हम अपनी आवाज उठाएं ताकि यह आवाज संसद में बैठे लोगों के कानों तक पहुंचे।" किसान नेताओं ने कहा कि महापंचायत यह भी साबित करेगी कि आंदोलन को 'सभी का समर्थन है,' इनमें भी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्ग शामिल हैं। संयुक्‍त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, "महापंचायत आज मोदी और योगी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और किसान आंदोलन के समर्थकों की ताकत का एहसास कराएगी।

अगर मांगे न मानी तो आने वाले यूपी व उत्‍तराखंड चुनाव में करेंगे भाजपा के खिलाफ प्रचार
''किसान नेताओं ने पूरी तरह से यह बात साफ कर दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया तो वे 2022 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। उन्होंने यह धमकी भी दी कि वो 2024 तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे, जब लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि अब आंदोलन को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे और हम सह सुनिश्‍चित करने की कोशिश करेंगे कि किसानों की अपनी सरकार बने, जो उनके हितों को पूरा करती है।

गन्‍ना किसानों की खातिर अब लखनऊ में करेंगे बैठक
बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यहां पत्रकारों ने कहा, "यह किसानों की ताकत है और कब तक सरकारें हमें हमारे अधिकारों से वंचित करती रहेंगी। किसान अपने दम पर कई राज्यों से आए हैं और वे यहां किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं हैं।" टिकैत ने कहा कि अब भारत को बेचा जा रहा है। तमाम राष्ट्रीय संपत्तियां निजी क्षेत्र को बेची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगली बैठक गन्ना किसानों के समर्थन में लखनऊ में आयोजित किया जाएगी।

Posted By: Chandramohan Mishra