-नाटी इमली के रामलीला मैदान में 'भरत मिलाप' की लीला देखने उमड़ी लाखों की भीड़

-हर कोई अपलक निहारता रहा यह अद्भुत दृश्य, कुंवर अनंत नारायण ने निभायी परम्परा

VARANASI :

चौदह साल के लंबे वनवास के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम अपने से मिलने को बैचेन थे। खासकर भरत और शत्रुघ्न से। छोटे भाई भरत और शत्रुघ्न की आंखें भी अपने बड़े भई के दर्शन को तरश रही थीं। दूर से ही अनुज भरत और शत्रुघ्न ने भइया राम और लक्ष्मण को देखा और वे शाष्टांग दंडवत हो गये। इधर भाई को इस तरह से दंडवत देखकर भगवान खुद को रोक नहीं सके और दौड़ पड़े। फिर उपस्थित हुआ अनंत भातृ प्रेम का विहंगम दृश्य। घड़ी की सुइयां ब्.ब्0 बजने का संकेत दे रही थीं। मर्यादा पुरुषोत्तम ने बारी-बारी से भरत और शत्रुघ्न को गले से लगाया और भातृ विरह की वेदना चारों भाइयों की आंखों से आंसुओं के रूप में बह निकली। इसी अनुपम मिलाप के दर्शन के लिए बुधवार को नाटी इमली के मैदान में आस्थावानों की भारी भीड़ जुटी। हर कोई इसे अपलक निहारता और अपने जन्म को धन्य मानता रहा।

होने लगी पुष्प वर्षा

जैसे ही चारों भाइयों का मिलन हुआ हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से धरती-आकाश गुंजित हो उठा। चारों तरफ से पुष्प वर्षा होने लगी। ऐसा एहसास होता रहा कि इस अद्भुत दृश्य को निहारने भगवान भी धरती पर आ गए हों। मिलन के बाद चारों भाइयों ने हर दिशा में उपस्थित भक्तों को दर्शन दिया। उसके बाद भगवान की आरती उतारी गयी। इसके पूर्व यादवबंधु भगवान के पालकी रूपी पुष्पक विमान को कंधों पर लेकर लीला स्थल पहुंचे। परंपरा का निर्वाह करते हुए कुंवर अनंत नारायण सिंह इस अनुपम मिलन को देखने रामलीला मैदान पहुंचे। हाथी पर सवार कुंवर का स्वागत भी काशी की जनता ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ किया। उन्होंने हाथी पर सवार होकर ही भगवान की परिक्रमा की और गिन्नी भेंट कर परंपरा का निर्वाह किया।

उमड़ा लाखों का हुजुम

कुछ मिनट की इस लीला को देखने के लिए रामलीला मैदान में लाखों की भीड़ जमा थी। लोगों के पहुंचने का क्रम सुबह दस बजे से ही शुरू हो गया था। सभी किसी अच्छी जगह कीजुगाड़ में थे, जहां से उन्हें भगवान के दर्शन आसानी से हो सकें। मैदान के आसपास के मकानों की छतों और बरामदों पर लीला प्रेमी भरे पड़े थे। जिले के अन्य आला अधिकारी भी लीला स्थल पर मौजूद रहे।

छावनी में तब्दील रहा इलाका

एडमिनिस्ट्रेशन ने भरत मिलाप को सकुशल संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे। एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स और पुलिस की मौजूदगी से पूरा इलाका छावनी में तब्दील नजर आया। मेला क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गयी थी। घंटों पहले से ही इस रूट पर व्हीकल्स के आवागमन पर बैन लगा दी गयी थी।

Posted By: Inextlive