महाभारत काल के कई चरित्रों के आज तक मौजूद होने की बात कही जाती है। इन नामों में अश्‍वत्‍थामा का तो है ही क्‍योंकि उसे अनादि काल तक जीवित रहने का शाप मिला हुआ है। इसी कड़ी में एक नाम पाण्‍डु पुत्र महाबली भीम का भी जुड़ गया है। पता चला है राजस्‍थान के नगर जोधपुर की रक्षा भीम आज भी कर रहे हैं। जानिए क्‍या है कथा जोधपुर और भीम के रिश्‍ते की।

जोधपुर कहलाता था संत चिडिय़ानाथ का धूणा
कहा जाता है कि जोधपुर काफी प्राचीन नगर है और पहले इसे संत चिडिय़ानाथ का धूणा के नाम से जाना जाता था। जानकारी के अनुसार महाभारत काल में अपने वनवास के दौरान पाण्डु पुत्र पंच पाण्डव यहां पर एक गुफा में रहे थे। इसी विश्वास को आधार मान कर जब वर्तमान जोधपुर नगर का र्निमाण किया गया तो नगर के प्रवेश पर पुराने शहर की ओर मुंह किए हुए महाबली भीम की विशाल प्रतिमा की स्थापना की गयी। लोगों को विश्वास है कि भीम आज भी मौजूद हैं और नगर की रक्षा कर रहे हैं।

शोध भी प्रमाणित करते हैं नगर के प्राचीन होने की बात
जोध पुर कितना पुराना नगर है इस बारे में कुछ शोध भी किये गए। इन शोध के बाद पुष्टि हुई है कि जिस पहाड़ी पर बने एक देवी मंदिर के पास भीम की ये प्रतिमा स्थापित की गयी है वो रामायण काल की हो सकती है। साथ ही मंदिर के पास गुफा के बाहर इसी पहाड़ी के पत्थर से बनी एक विशाल पत्थर की लाठी भी पड़ी देखी जाती है। ये भी मान्यता है कि महाबली भीम की लाठी हो सकती है, क्योंकि सामान्य आदमी तो इसे हिला भी सकता।

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Posted By: Molly Seth