- मात्र तीन हजार पौधों का ही हो रहा है औषधीय उपयोग

देश के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35 हजार औषधीय पौधे पाये जाते हैं। विडंबना यह कि इसमें से केवल तीन हजार पौधों का उपयोग ही औषधियों में किया जा रहा है। इन औषधियों एवं उसको संरक्षित करने वालों की तलाश एवं प्रमाणिकता की पहल तेज हो गई है। औषधीय पौधों का ज्ञान गांव या आदिवासी इलाके में रहने वाले लोगों के पास ही है। यह कहना है विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के स्वायत्तशासी संस्थान एनआइएफ (राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान) के साइंटिस्ट डॉ। पवन के सिंह का। इस बाबत डॉ। पवन ने आईएमएस के डायरेक्टर प्रो। वीके शुक्ल, आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो। वाइबी त्रिपाठी, रसशास्त्र एवं भैषज्य विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं एनआइएफ के टास्क फोर्स के सदस्य प्रो। आनंद चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों से आयुर्वेद व चिकित्सा पद्धति के ग्रंथों में वर्णित जानकारी हासिल की। बताया कि देश के 600 जिलों से करीब तीन लाख लोगों से पारंपरिक ज्ञान एकत्र किया गया है। इसमें से 40 प्रतिशत ज्ञान हर्बल पर आधारित है, जिसमें कृषि, पशु पालन, रोग एवं मानव स्वास्थ्य शामिल है।

Posted By: Inextlive