-केंद्रीय सूचना आयुक्त ने बीएचयू प्रशासन को दिया आदेश

-पत्रकारिता विभाग के डॉ। ज्ञानप्रकाश ने की थी शिकायत

केंद्रीय सूचना आयुक्त ने बीएचयू के डॉ। ज्ञान प्रकाश मिश्र की अपील पर सुनवाई करते हुए विवि प्रशासन को 600 पेज की जानकारी नि:शुल्क मुहैया कराने का आदेश दिया है। इसके लिए विवि को दस दिन की मोहलत दी गई है।

केंद्रीय ग्रंथालय, बीएचयू की परचेजिंग कमेटी पर वर्ष 2017 में लाखों की किताब खरीद को लेकर घोटाले के आरोप लगे थे। इस प्रकरण में आरटीआई के माध्यम से पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के डॉ। ज्ञान प्रकाश मिश्र ने 11 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। दो साल तक विवि प्रशासन की ओर से टालमटोल करने पर डॉ। मिश्र ने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील की। इस पर बीते 17 फरवरी को केंद्रीय सूचना आयुक्त ने शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए सीपीआईओ-बीएचयू को अगले दस दिन में 600 पन्नों की जानकारी नि:शुल्क उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि डॉ। मिश्र ने फरवरी 2018 में अनियमितता को लेकर पहली आरटीआई लगाई थी, जिसका कोई उत्तर नहीं मिला। पहली अपील मई 2018 में की गई, जिसके बाद 12 पन्नों का दस्तावेज मुहैया कराया गया। इसमें स्पष्ट उल्लेख था कि बुक परचेजिंग कमेटी की बैठक में वित्ताधिकारी या उनका कोई प्रतिनिधि नहीं था। यह विश्वविद्यालय के खरीद नियमों के खिलाफ भी था। इसके बाद अग्रिम जानकारी के लिए 11 बिंदुओं पर सूचना मांगी गई थी, जिसे अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।

Posted By: Inextlive